ग्रेटा थनबर्ग को TIMES ने चुना पर्सन ऑफ द ईयर, 16 साल की ये बच्ची है क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट

 स्वीडन की मात्र 16 साल की ये बच्ची अपने प्रभावशाली और आक्रामक भाषण देने के कारण चर्चा में रहती है। ग्रेटा का How dare you डायलॉग काफी चर्चा में रहा है। टाइम्स मैग्जीन ने उन्हें फ्यूचर आइकन का खिताब दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2019 1:56 PM IST / Updated: Dec 11 2019, 07:29 PM IST

न्यूयॉर्क. क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को TIME's पर्सन ऑफ दी ईयर चुना गया है। स्वीडन की मात्र 16 साल की ये बच्ची अपने प्रभावशाली और आक्रामक भाषण देने के कारण चर्चा में रहती है। ग्रेटा का 'How dare you' डायलॉग काफी चर्चा में रहा है। टाइम्स मैग्जीन ने उन्हें फ्यूचर आइकन का खिताब दिया। 

ग्रेटा एस्पर्गर सिंड्रोम से पीड़ित हैं। इस साल संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट एक्शन समिट में भाषण दिया था, जिसकी दुनियाभर में काफी तारीफ हुई थी। मैगजीन ने ग्रेटा के लिए लिखा, ‘वो एक आम टीनेज लड़की हैं, जिसने सत्ता में बैठे लोगों से सच बोलने की हिम्मत जुटाई, वो एक जेनरेशन की आइकन बन गई है।’

ग्रेटा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए विज्ञान का अनुसरण शुरू करें।

मैगजीन ने ग्रेटा को 'पर्सन ऑफ द ईयर'' चुने जाने पर लिखा, 'साल भर के अंदर ही स्टॉकहोम की 16 साल की लड़की ने अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया और फिर विश्वभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया। महज इतने कम वक्त में उन्हें संयुक्त राष्ट्र चीफ से मुलाकात का मौका मिला, तो वहीं उनके स्रोताओं में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति के साथ ही पोप भी शामिल रहे।

आपको याद होगा, सितंबर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में ग्रेटा ने कड़े शब्दों में कहा था कि, हाउ डेयर यू, मुझे यहां नहीं होना चाहिए था, मुझे स्कूल में होना चाहिए या खेल के मैदान में, अपनी खोखली बातों से आपने मेरे सपने और मेरा बचपन छीन लिया है। लोग त्रस्त हैं, लोग मर रहे हैं, पूरी पारिस्थितिकी ध्वस्त हो रही है। हम सामूहिक विलुप्ति की कगार पर हैं और आप पैसों के बारे में तथा आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें बना रहे हैं। 

ग्रेटा विश्व में क्लाइेट चेंज यंग एक्टिविस्ट के तौर पर फेमस हो चुकी हैं। उनकी बातों और विचारों में भविष्य की चिंता और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर आक्रोश है। 

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