न्यूयॉर्क के सोथबीज नीलामी केंद्र में 18वीं सदी का 500 हीरों जड़ा एक हार नीलामी के लिए आया है, जिसके 150 से 234 लाख रुपये तक में बिकने की उम्मीद है।
हीरे का नीलामी के लिए आना कोई नई बात नहीं है. दशकों पुराने हीरे कई नीलामियों में मोटी रकम पर बिकते रहे हैं. अब न्यूयॉर्क के सोथबीज नीलामी केंद्र में 18वीं सदी का एक हार नीलामी के लिए आया है. वो भी एक या दो नहीं बल्कि पूरे 500 हीरों से जड़ा हुआ. नीलामी घर सोथबीज ने बताया है कि नवंबर में इस हार को नीलामी के लिए रखा जाएगा. वहीं ऑनलाइन नीलामी 25 अक्टूबर से सोथबी की वेबसाइट पर शुरू होगी
तीन पंक्तियों वाले इस हीरे के हार के दोनों सिरों पर पंखों की तरह हीरे जड़े हैं. 50 साल बाद यह पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है. इसके 1.8 मिलियन डॉलर से 2.8 मिलियन डॉलर तक में बिकने की उम्मीद है. यानी भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 150 लाख रुपये से 234 लाख रुपये तक हो सकती है.
सोथबीज का मानना है कि तीन कतारों वाला यह हार किसी शाही परिवार के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया था. हार के बारे में बहुत कम जानकारी है, जैसे कि इसे किसने डिजाइन किया था, किसके लिए बनाया गया था, लेकिन सोथबीज का मानना है कि इतना भव्य आभूषण केवल शाही परिवार के लिए ही बनाया जा सकता है. सोथबीज ने स्पष्ट किया है कि उनका मानना है कि इसे फ्रांसीसी क्रांति से कुछ दशक पहले बनाया गया था.
सोथबीज का कहना है कि इस हार का भारत से भी नाता हो सकता है. सोथबीज का कहना है कि ये हीरे भारत के गोलकुंडा खदानों से हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक के सबसे शुद्ध और चमकदार हीरे गोलकुंडा से ही निकाले गए हैं.
हांगकांग, न्यूयॉर्क और ताइवान ले जाए जाने से पहले, हार को लंदन में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा. सोथबीज के चेयरमैन का कहना है कि यह हार न केवल विलासिता का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी उदाहरण है कि उस समय के कारीगर कितनी कुशलता से चीजें बनाते थे. इतने सालों बाद भी हार का सुरक्षित रहना इसकी खासियत है.