Army की बर्बरता में 54 लोगों मारे गए, इससे नाराज म्यांमार के 19 पुलिसकर्मी पहुंचे भारत; यही रहना चाहते हैं

म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना की कार्रवाई में 54 प्रदर्शनकारी अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, 1500 लोगों को अभी तक हिरासत में लिया गया है। ऐसे में सेना के इस बर्बता से देश के पुलिसकर्मी भी नाराज हैं। उन्हें लगता है कि अपने लोगों पर गोली चलाना गलत है, लेकिन उनके पास सेना का आदेश मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में 19 पुलिसकर्मी चोरी छिपे भारत पहुंच गए हैं। ये कुछ वक्त के लिए भारत में शरण चाहते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2021 8:20 AM IST

नई दिल्ली. म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना की कार्रवाई में 54 प्रदर्शनकारी अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, 1500 लोगों को अभी तक हिरासत में लिया गया है। ऐसे में सेना के इस बर्बता से देश के पुलिसकर्मी भी नाराज हैं। उन्हें लगता है कि अपने लोगों पर गोली चलाना गलत है, लेकिन उनके पास सेना का आदेश मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में 19 पुलिसकर्मी चोरी छिपे भारत पहुंच गए हैं। ये कुछ वक्त के लिए भारत में शरण चाहते हैं। 

WION की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पुलिसकर्मी पूर्वोत्तर से लगी सीमा से भारत में आए। एक स्थानीय अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि म्यांमार पुलिस के जवान उत्तर-पूर्वी राज्य मिजोरम के चंफई और सेरछिप जिले में पहुंचे हैं। इनके पास कोई हथियार भी नहीं है।  
 
अभी और लोगों के भारत आने की संभावना
इतना ही नहीं अधिकारी ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अभी और लोगों के सीमा पार करके यहां आने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, जो पुलिसकर्मी भारत आए हैं, वे पैदल चलकर भारत पहुंचे हैं। इस बारे में गृह मंत्रालय को भी जानकारी दे दी गई है। 

भारत और म्यांमार की 1643 किमी सीमा मिली
भारत और म्यांमार की 1643 किमी सीमा जुड़ी है। यहां इसी साल फरवरी में सेना ने तख्तापलट किया था। इसके बाद से सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 54 लोग मारे जा चुके हैं। सेना ने देश की सबसे बड़ी नेता स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को भी गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा अब तक 1500 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। 
 
सभी देश म्यांमार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं
उधर, अमेरिका ने म्यांमार की सेना से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही अमेरिका ने कहा कि दुनिया के सभी देशों को म्यांमार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।

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