24 अफगानी सैनिकों पर कहर बनकर टूटे आतंकवादी, सो रहे सभी जवानों को उतार दिया मौत के घाट


जाबुल के प्रांतीय परिषद के प्रमुख अता जन हक बायन ने कहा, ‘‘हमले में अफगान सेना के 14 जवान और 10 पुलिसकर्मी मारे गए। हमलावरों का तालिबान के आंतकवादियों से ताल्लुक था।’’ वे एक पिकअप ट्रक, हथियार और गोला बारुद के साथ सेना के दो वाहनों में फरार हो गए।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 20, 2020 12:54 PM IST / Updated: Mar 20 2020, 06:27 PM IST

काबुल. दक्षिणी अफगानिस्तान में अफगान सुरक्षा बलों के अड्डे पर उसके ही लोगों द्वारा किए गए हमले में शुक्रवार को कम से 24 सैनिकों की मौत हो गई। जाबुल के गवर्नर रहमतुल्ला यरमाल ने कहा कि कई ‘‘घुसपैठियों’’ ने अपने कोमरेड पर उस समय गोलियां चलाई जब वे सो रहे थे।

यह पिछले महीने तालिबान के साथ अमेरिका के शांति समझौते के बाद अब तक का सबसे वीभत्स हमला है। यह हमला कलात के समीप पुलिस और सेना के संयुक्त मुख्यालयों को निशाना बनाकर किया गया। प्रांतीय राजधानी कलात को लंबे समय तक तालिबान का गढ़ माना जाता रहा।

हमलावरों का ताल्लुक तालिबान से है

जाबुल के प्रांतीय परिषद के प्रमुख अता जन हक बायन ने कहा, ‘‘हमले में अफगान सेना के 14 जवान और 10 पुलिसकर्मी मारे गए। हमलावरों का तालिबान के आंतकवादियों से ताल्लुक था।’’ वे एक पिकअप ट्रक, हथियार और गोला बारुद के साथ सेना के दो वाहनों में फरार हो गए।

तालिबान ने अभी इस हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री असदुल्ला खालिद ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तालिबान से संघर्षविराम करने का आह्वान किया था। जाबुल प्रांत की सीमा पाकिस्तान से लगती है और तालिबान का पूर्व शीर्ष नेता मुल्ला उमर वर्षों तक यहां छिपा रहा था। वह 2013 में मारा गया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)
 

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