World Asthma Day 2022: पहले विश्व अस्थमा डे पर 35 देशों ने लिया था हिस्सा, 24 साल पहले इस देश से हुई शुरुआत

3 मई को दुनियाभर में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है। पहला वर्ल्ड अस्थमा डे 24 साल पहले 1998 में स्पेन के बार्सिलोना शहर में मनाया गया था। इसमें 35 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था। 

Asianet News Hindi | Published : May 3, 2022 2:55 PM IST / Updated: May 03 2022, 08:27 PM IST

नई दिल्ली। अस्थमा (सांस की बीमारी) दुनियाभर में अब एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुका है। इससे बचाव और रोकथाम के लिए दुनियाभर में लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इसीलिए 3 मई को हर साल विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है। पहला विश्व अस्थमा दिवस 1998 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) की एक कोशिश के रूप में हुई थी। पहले विश्व अस्थमा दिवस में 35 से अधिक देशों ने भाग लिया था जो कि स्पेन के बार्सिलोना में हुआ था। 

क्या है इस दिन का महत्व :
ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, रोजाना 1000 से ज्यादा लोग अस्थमा के शिकार होते हैं। दुनियाभर में हर साल 30 करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा से पीड़ित होते हैं और इससे भी ज्यादा भयावह बात ये है कि ज्यादातर मामलों में इसका कोई समाधान नहीं होता है, जिससे पीड़ित की असमय ही मौत हो जाती है। अस्थमा से बचने के लिए सही समय पर ट्रीटमेंट और जागरूकता जरूरी है। 

Latest Videos

क्यों होता है अस्थमा : 
अस्थमा सांस की बीमारी है और इसके होने के कई कारण हैं, लेकिन सबसे ज्यादा यह बीमारी एलर्जी, धूम्रपान, प्रदूषण, मोटापा और तनाव की वजह से होती है। 

अस्थमा के लक्षण : 
अस्थमा के लक्षणों में सबसे आम लक्षण सांस लेने में दिक्कत है। इसके अलावा  नियमित रूप से खांसी, एक्सरसाइज के बाद खांसी, छाती में जकड़न, सोने में दिक्कत और एक्सरसाइज के बाद थकान शामिल है। 

ऐसे करें अस्थमा से बचाव : 
- अस्थमा से बचाव के लिए धूम्रपान पूरी तरह बंद कर दें। इतना ही नहीं, कोई दूसरा अगर सिगरेट पी रहा है तो उससे भी दूर रहें। इसके अलावा हर तरह के प्रदूषण से दूर रहें और फिटनेस पर ध्यान दें। 
- अस्थमा को कम खुराक वाले इनहेल्ड स्टेरॉयड से कंट्रोल किया जा सकता है।
- अस्थमा रोगियों के लिए प्राणायाम करना लाभदायक हो सकता है। कपालभाति के साथ ही भस्त्रिका प्राणायाम अस्थमा रोगियों के लिए लाभदायक हो सकता है।

कोरोना के बाद बढ़ी अस्थमा मरीजों की संख्या : 
कोरोना के दूसरी लहर के बाद अस्थमा मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देश के विभिन्न अस्पतालों के आंकड़ों पर गौर करें तो हर महीने 400 से ज्यादा अस्थमा मरीज मिल रहे हैं। चिंता की बात ये है कि अगर अस्थमा रोगी की पहचान सही वक्त पर नहीं हुई तो आगे चलकर क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी (सीओपीडी) में बदल जाता है, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। 

ये भी देखें : 
World Asthma Day 2022: मुलेठी से लेकर लहसुन तक दमा के खतरे को कम करते है ये 6 सुपर फूड
दाल में तड़का लगाने से लेकर अस्थमा के इलाज में काम आता है ये छोटा सा मसाला, आज ही अपनी डाइट में कर लें शामिल

Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts