
काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शासन (Taliban rule) के बाद आतंकवादी बेलगाम हो चुके हैं। अफगानिस्तान में पिछले सप्ताह सिलसिलेवार हुए बम विस्फोटों (Bomb blasts) में कम से कम 38 लोग मारे गए हैं। दर्जनों लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात दिनों में काबुल, हेरात, फरयाब, लगमन और नंगरहार प्रांतों में ब्लास्ट हुए हैं।
बढ़ गया है अपराध, लोग कर रहे हाहाकार
रिपोर्ट के अनुसार अज्ञात लोगों ने हेरात में एक मनी चेंजर की हत्या कर दी और लघमन में एक परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई जबकि एक छठा व्यक्ति घायल हो गया। नंगरहार के लालपुरा जिले में हुए विस्फोट में नौ छात्रों और दो महिलाओं की मौत हो गई है। विस्फोट में चार बच्चे और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।
एक परिवार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि 13वें पुलिस जिले की सीमा में एक चौकी पर गोली लगने से उनकी बेटी की मौत हो गई। वहीं, फरयाब के बलचारग जिले में दो गुटों के बीच हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गये।
देश में लगातार हो रहे हैं बम विस्फोट
पिछले साल अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से देश में लगातार बम विस्फोट होते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में मरने वालों की संख्या पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासनकाल में और भी ज्यादा थी लेकिन उनके शासन काल में विस्फोटों की संख्या कम रही थी। तालिबान शासन में राजधानी में बम विस्फोट एक सामान्य घटना हो गई है।
खतरनाक धमाकों से परेशान अफगानी
देश को हाल ही में कई घातक बम विस्फोटों का सामना किया है। शुक्रवार, 15 अक्टूबर को इमाम बरगाह-ए-फातिमा मस्जिद में नमाज़ अदा करते समय 60 से अधिक लोगों की जान चली गई। इससे पहले, एक शिया मस्जिद को एक बड़े विस्फोट से 83 लोगों को निशाना बनाया गया था। इस्लामिक स्टेट (ISIS-K), जो अफगानिस्तान में सत्ता के लिए तालिबान से लड़ रहा है, ने बाद में इस हमले की जिम्मेदारी ली। हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने इस घटना की निंदा की और हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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