मानवीय आधार पर भारत ने फिर से अफगानिस्तान को अनाज और दवाओं की मदद देने का वादा किया है। संयुक्त राष्ट्र परिषद(UN Security Council meeting) में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति(TS Tirumurti) ने यह बात कही।
न्यूयॉर्क. काफी खून बहने के बाद अफगानिस्तान में अब माहौल शांत है, लेकिन आर्थिक स्थितियां बेहद खराब हो चुकी हैं। तालिबान सरकार(Taliban) दुनियाभर से मदद की गुहार कर रही है। इस बीच मानवीय आधार पर भारत ने फिर से अफगानिस्तान को अनाज और दवाओं की मदद देने का वादा किया है। संयुक्त राष्ट्र परिषद(UN Security Council meeting) में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति(TS Tirumurti) ने यह बात कही। तिरुमूर्ति ने बुधवार (स्थानीय समय) के कहा-'अफगानिस्तान की आधी से अधिक आबादी तीव्र खाद्य असुरक्षा के आपातकालीन स्तरों पर संकट का सामना कर रही है और लोगों की बुनियादी खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।'
बगैर जाति-धर्म के मदद का आह्वान
भारत जोर देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उस आह्वान का समर्थन किया है कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता सीधे और बिना किसी बाधा के होनी चाहिए। तिरुमूर्ति ने कहा कि मानवीय सहायता गैर-भेदभावपूर्ण और सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या राजनीतिक विश्वास की हो। उन्होंने कहा कि यह सहायता सबसे पहले सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचनी चाहिए, जिसमें महिलाएं, बच्चे और अल्पसंख्यक शामिल हैं।
भारत ने पहले भी यह मामला उठाया था
भारत ने पहले भी अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की थी। भारत ने पाकिस्तान से इस मदद में सहयोग करने को कहा था। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान(Imran Khan) का बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान तक मानवीय सहायता के तौर पर भारत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव यानी गेहूं के परिवहन पर पाकिस्तान विचार करेगा। तालिबान ने भारत के इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पाकिस्तान से मदद मांगी थी। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के सीनियर मेंबर्स ने इमरान खान से मुलाकात भी की थी। इसके बाद पाकिस्तान के PMO ने यह बयान जारी किया था।
अफगानिस्तान की दुर्दशा के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार
हाल में अल अरेबिया पोस्ट(मीडिया हाउस) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया कि अफगानिस्तान की मौजूदा दशा और दुर्दशा के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। वही तालिबान का जनक, संगठक और सलाहकार यानी सबकुछ है। इसमें यह भी कहा गया कि पाकिस्तान अफगानी लोगों की मदद की आड़ में तालिबानी सरकार को दुनियाभर में मान्यता दिलाने की पहल एक औजार के रूप में कर रहा है।
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