
काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिका के 20 साल के साम्राज्य को खत्म कर अपना कब्जा जमा चुका तालिबान देश में नई सरकार के गठन करने की ओर है। शुक्रवार को नई सरकार का गठन कर लिया जाएगा। अफगानिस्तान को इस्लामिक स्टेट के रूप में संचालित करने के इरादे से तालिबान शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नई सरकार का ऐलान करेगा। 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया था। जबकि अमेरिकी अपने सैनिकों को तालिबान की धमकी के बाद तयसीमा से एक दिन पहले ही वापस बुला लिया था।
तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने के लिए भगदड़
तालिबान का अफगानिस्तान पर नियंत्रण होता देख अफगानिस्तान छोड़ने वालों की भीड़ काबुल की ओर दौड़ पड़ी। देश के कोने-कोने से लोग काबुल पहुंचे ताकि वहां खुद को सुरक्षित कर सकें लेकिन तालिबान ने आखिरकार 15 अगस्त को वहां भी कब्जा जमा लिया। इसके बाद अमेरिकी सेना ने काबुल एयरपोर्ट को कब्जे में लेकर लोगों की सुरक्षित वापसी शुरू कराई।
हालांकि, देश छोड़ने वालों की संख्या को देखते हुए अमेरिका ने यह संकेत दिया था कि वह 31 अगस्त के बाद भी अपनी सेनाओं को वहां छोड़ सकता है ताकि लोगों को सुरक्षित निकाला जाए। लेकिन प्रेसिडेंट बिडेन के संकेत के बाद तालिबान ने साफ तौर पर तय सीमा से अधिक दिन रहने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे दी गई। तालिबान की धमकी के बाद अमेरिकी व नाटो सेनाओं ने तय सीमा से एक दिन पहले ही अफगानिस्तान को छोड़ दिया।
अमेरिकी सेना के जाने के बाद यूएस सेना की वर्दी पहन तालिबान लड़ाकों ने की खूब फायरिंग
अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने हवाई फायरिंग कर खुशी भी मनाई थी। दर्जनों की संख्या में तालिबानी लड़ाके काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना की ड्रेस में पहुंचे। जश्न में खूब गोलियां दागी और खौफ से लोगों को डराया।
अफगानिस्तान में सुप्रीम लीडर हो सकते हिबतुल्लाह अखुंदजादा
अफगानिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा सुप्रीम लीडर हो सकते हैं। सुप्रीम लीडर इस सरकार का सर्वेसर्वा होगा जिसका आदेश पीएम और राष्ट्रपति भी मानेंगे। सुप्रीम लीडर की मंशा पर ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति चुना जाया करेगा। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नई सरकार के गठन की जानकारी दी जाएगी।
अमेरिका अभी मान्यता देने में नहीं करना चाहता जल्दबाजी
अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश को तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है। मान्यता पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका या अन्य किसी देश, जिससे हमने बात की है उसे तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है। यह तालिबान के व्यवहार और इस बात पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं।
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