
Afghanistan Supreme Court Punishment: किसी भी देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखना काफी जरूरी होता है। ये काम देश की कोर्ठ बखूबी करती है। इसी संदर्भ में इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफ़गानिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने काबुल समेत 27 प्रांतों में जो अलग-अलग क्राइम करने वाले आरोपियों को 340 सजाएं दी है। ये काम कोर्ट की तरफ से पिछले 4 महीने के भीतर किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता अब्दुल रहीम रशीद ने अपनी बात रखते हुए कहा, "अलग-अलग अपराधों के आधार पर, 340 दोषियों को सज़ा दी गई है।"
रशीद ने इस्लामी हुदूद कानूनों और सज़ाओं को लागू करने के कोर्ट रूख को साफ किया। उन्होंने कहा कि सभी फ़ैसले इस्लामी शरिया को ध्यान में रखते हुए जारी किए जाते हैं। ऐसा करते वक्त विदेशी संस्थाओं के सवालों पर विचार नहीं किया जाता है। रशीद ने अपनी बात रखते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट का रुख बिल्कुल साफ है। इस्लामी आदेशों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट अपराधियों को सज़ा देता है, और सभी फ़ैसले शरिया के आधार पर जारी किए जाते हैं। इस मामले में, किसी भी विदेशी संस्था या देश की आलोचना न तो मायने रखती है और न ही हमारे लिए महत्वपूर्ण है।"
सजा लागू करने की प्रक्रिया पर चिंता जताते हुए अफगानिस्तान नेशनल लॉयर्स एंसोसिएशन के अध्यन मीर अब्दुल वहीद सआदत ने अपन बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या अपराधियों को सुधारने और उनके बुनियादी अधिकार, जैसे बचाव के लिए वकील की सुविधा का ध्यान रखा गया है। उनका सवाल था , "ये सज़ाएँ किस कानून के तहत दी जा रही हैं?" वहीं, धार्मिक विद्वान हसीबुल्लाह हनाफी ने कोर्ट के फैसले का साथ देते हुए कहा, "अगर हम चाहते हैं कि देश में शरिया पूरी तरह से लागू हो, तो हमें हुदूद और सज़ाओं को विशेष महत्व देना चाहिए। अगर हम चाहते हैं कि देश से भ्रष्टाचार, राजद्रोह, हत्या और लूटपाट का खात्मा हो, तो शरिया द्वारा निर्धारित सिद्धांतों और सीमाओं को लागू करना ज़रूरी है।" सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बात में कहा था कि वह शरिया के फैसलों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं आएगा।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।