पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों का जीना और मुश्किल होता जा रहा है। सिंध प्रांत के छाछरो शहर के थारपारकर इलाके में कुछ अज्ञात कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर पर हमला किया, मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया। कट्टरपंथियों ने वहां की माता रानी भटियानी की मूर्ति भी तोड़ दी है।
सिंध. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जारी जुल्म का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद अब उपद्रवियों ने हिंदू समुदाय के मंदिर को अपना निशाना बनाया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों का जीना और मुश्किल होता जा रहा है। सिंध प्रांत के छाछरो शहर के थारपारकर इलाके में कुछ अज्ञात कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर पर हमला किया, मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया। कट्टरपंथियों ने वहां की माता रानी भटियानी की मूर्ति भी तोड़ दी। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब सिंध से एक के बाद एक लगातार हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें सामने आ रही हैं।
अल्पसंख्यकों पर हो रहा अत्याचार
हिंदू लड़कियों के लगातार अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरों के बीच धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा रहा है। सिंध में ही अल्पसंख्यकों पर सबसे ज्यादा अत्याचार किया जा रहा है। उपद्रवी लगातार धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यकों के मंदिरों और पवित्र स्थानों को निशाना बना रहे हैं।
जब ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुआ हमला
साल की शुरुआत में ही पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा को निशाना बनाया गया। कट्टरपंथियों की भीड़ ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव किया था। साथ ही ननकाना साहिब गुरुद्वारे का नाम बदलने और सिखों को वहां से भगाने के नारे भी लगाए गए थे। हमला करने वाली भीड़ की अगुवाई मोहम्मद हसन का भाई कर रहा था। मोहम्मद हसन ने ही सिख लड़की जगजीत कौर को अगवा किया था और उससे निकाह कर लिया था।
भारत ने जताई थी कड़ी आपत्ति
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जारी अत्याचार और मंदिरों को निशाना बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इससे पहले गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद दबाव में झूके पाकिस्तान ने गुरुद्वारे पर हमला कराने वाले शख्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।