
लाहौर. पाकिस्तान की एक शीर्ष वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता को सोमवार को ''राष्ट्र विरोधी गतिविधियों'' का हवाला देते हुए ब्रिटेन रवाना होने से रोक दिया गया और आव्रजन अधिकारियों ने यहां हवाई अड्डे पर उन्हें कई घंटे तक हिरासत में रखा।
हजारा समुदाय का समर्थन करने वाली जलिला हैदर ने बताया
देश में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय का समर्थन करने वाली जलिला हैदर ने 'डॉन न्यूज' को बताया कि हवाई अड्डा अधिकारियों ने उन्हें ब्रिटेन जाने वाली उड़ान में सवार होने से रोक दिया। उन्होंने बताया कि वह ससेक्स विश्वविद्यालय द्वारा नारीवाद पर आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने वाली थी।
सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक
बीबीसी ने पिछले वर्ष हैदर को दुनियाभर में 100 सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया था। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें विमान में सवार होने से क्यों रोका गया तो उन्होंने बताया कि उनका नाम उनकी ''राष्ट्र विरोधी गतिविधियों'' के कारण उड़ान निषेध सूची में है।
बलूचिस्तान निवासी और अल्पसंख्यक हजारा समुदाय से संबंध रखने वाली हैदर ने बताया कि उन्हें संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने हवाई अड्डे पर कई घंटों तक हिरासत में रखा। इसके बाद अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट वापस किया और उनसे कहा कि वह ब्रिटेन जाने के लिए दूसरी उड़ान बुक कर सकती है।
उन्होंने कहा कि वह किसी भी ''राष्ट्र-विरोधी गतिविधि'' में शामिल नहीं है
कार्यकर्ता ने अपने फेसबुक पृष्ठ पर पोस्ट किया कि उन्हें लाहौर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें हिरासत में लिये जाने की खबर फैल गई। उनकी बहन और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने हवाई अड्डे पर एकत्र होकर हैदर को रिहा किये जाने की मांग की।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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