
नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ने की स्थिति में फारस की खाड़ी के देश को भारत का निर्यात प्रभावित हो सकता है। निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने यह आशंका व्यक्त की है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि निर्यातकों ने अभी ईरान को निर्यात को लेकर कोई चिंता नहीं जताई है। ‘‘यदि तनाव जारी रहता है तो इससे ईरान को भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है।’’
अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका-ईरान तनाव बढ़ गया है। भारत के लिए ईरान प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में एक हैं। ईरान द्वारा भारत को कच्चे तेल, उर्वरक और रसायन का निर्यात किया जाता है। वहीं वह भारत से मोटे अनाज, चाय, कॉफी, बासमती चावल, मसालों का आयात करता है।
भारत पीटीए को लेकर कर रहा था वार्ताएं-
वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान को भारत का निर्यात 3.51 अरब डॉलर या 24,920 करोड़ रुपये का रहा था। वहीं इस दौरान आयात 13.52 अरब डॉलर या 96,000 करोड़ रुपये रहा था। व्यापार असंतुलन की प्रमुख वजह भारत द्वारा ईरान से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात है। अभी दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय तरजीही व्यापार करार (पीटीए) को लेकर वार्ताएं कर रहे हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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