
वाशिंगटन। राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बुधवार को सरकारी एजेंसियों को डिजिटल अमेरिकी डॉलर (Digital Usd) बनाने पर काम शुरू करने का आदेश दिया। बताया जाता है कि अमेरिका का यह कदम दुनियाभर की वित्तीय प्रणाली के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी की विस्फोटक वृद्धि के बीच, अमेरिकी प्रयास पर तत्काल काम शुरू किया जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 100 से अधिक देशों में शामिल हो जाएगी जो चीन के डिजिटल युआन सहित अपने स्वयं के केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के साथ पायलट प्रोग्राम तलाश रहे हैं या शुरू कर चुके हैं। अमेरिका के ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि एजेंसियां डिजिटल संपत्ति के वित्तीय जोखिमों का मूल्यांकन और आकलन करेंगी, जिसके बाद इनके सुरक्षा उपायों पर भी काम होगा।
दूसरे देशों के साथ काम करेगा अमेरिका
डिजिटल प्रॉपर्टी के दुनियाभर में इस्तेमाल होने के कारण अमरिका दूसरे देशों की सरकारों के साथ भी इस पर काम करेगा। इससे अवैध रूप से डिजिटल डॉलर की लेनदेन को रोका जा सकेगा और निवेशकों को भी सिक्योरिटी मिलेगी। गौरतलब है कि दुनियाभर के तेल बाजारों के दाम भी डॉलर के आधार पर ही सेट होते हैं।
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डिजिटल करंसी में देर नहीं
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज ने कहा कि अमेरिकी वैश्विक नेतृत्व बनाए रखना हमारे प्रयास का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा अध्ययन इसके दुष्परिणामों पर भी रिसर्च करेगा। अधिकारियों ने इस बात को खारिज किया है कि बाइडेन सरकार डिजिटल करंसी लाने में देर कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में बहुत, बहुत सोच समझकर काम करना चाहिए।
भारत की डिजिटल करंसी अगले साल
भारत को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी (Digital rupee) साल 2023 की शुरुआत में मिल सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि जल्द केंद्रीय बैंक के समर्थन वाला ‘डिजिटल रुपया’ पेश किया जाएगा। आरबीआई इस डिजिटल करंसी को लाएगी।
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