Antilia case: सचिन वझे का सहयोगी API रियाज काजी सस्पेंड

असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काजी को एनआईए मनसुख हिरेन हत्याकांड में संदिग्ध मान रही है। एनआईए सूत्रों के अनुसार एंटीलिया मामले में गिरफ्तार सस्पेंडेड असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे के कहने पर रियाजुद्दीन ने इस केस से जुड़े सबूतों को मिटाने की कोशिश की थी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 10:15 AM IST / Updated: Apr 12 2021, 05:35 PM IST

मुंबई। एनआईए द्वारा अरेस्ट हुए असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रियाज काजी को सस्पेंड कर दिया गया है। रविवार को काजी की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल कोर्ट ने 16 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। रियाज चर्चित एपीआई सचिन वझे का सहयोगी बताया जा रहा है। वझे के साथ साजिश में नाम आने के बाद रियाजुद्दीन काजी का ट्रांसफर मुंबई की लोकल आम्र्स यूनिट में किया गया था।

मनसुख हिरेन केस में है संदिग्ध

अरेस्ट किया गया असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काजी को एनआईए मनसुख हिरेन हत्याकांड में संदिग्ध मान रही है। एनआईए सूत्रों के अनुसार एंटीलिया मामले में गिरफ्तार सस्पेंडेड असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे के कहने पर रियाजुद्दीन ने इस केस से जुड़े सबूतों को मिटाने की कोशिश की थी। 

एनआईए कई राउंड पूछताछ कर चुकी 

रियाज काजी से एनआईए कई राउंड पूछताछ कर चुकी है। करीब सात बार पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले। एनआईए ने काजी से  15 मार्च, 16 मार्च, 17 मार्च, 20 मार्च, 23 मार्च, 26 मार्च और 27 मार्च को पूछताछ की थी।

रियाज ने ही फेंके थे नदी में डीवीआर!

एनआईए सूत्रों के अनुसार वझे के कहने पर रियाज काजी ने उसकी ठाणे के साकेत सोसायटी में जाकर सीसीटीवी-डीवीआर को अपने कब्जे में ले लिया था। एक सीसीटीवी फुटेज में काजी की संदिग्धता उजागर हुई। इसके बाद एनआईए लगातार इससे पूछताछ कर रही थी।

तीन केस पर एजेंसियां कर रही जांच

एंटीलिया के पास जिलेटिन बरामद होने के मामले में तीन केस दर्ज किया गया है। इनकी जांच अलग-अलग हो रही है। पहला केस मनसुख हिरेन की स्कार्पियो गाड़ी चोरी होने का है। इस मामले की जांच मुंबई की गामदेवी पुलिस कर रही है। जबकि दूसरा केस अंबानी के एंटीलिया के पास जिलेटिन से भरी स्कार्पियो के बरामद होने की है। इस केस की जांच एनआईए कर रही है। इसी मामले में सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया है।
तीसरा केस स्कार्पियो मालिक मनसुख हिरेन की हत्या से जुड़ी है। इस केस की जांच मुंबई एटीएस कर रही थी। ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद इस केस को एनआईए को सौंप दिया गया।
 

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