इराक में अमेरिका के मिलिट्री बेस पर हमला, ईरान पर लगा बैलिस्टिक मिसाइलें दागने का आरोप

उत्तरी इराक स्थित अमेरिकी आर्मी बेस पर रविवार को रॉकेट अटैक हुए। इनके जरिये यूएस आर्मी बेस (US Army base) और इरबिल में एक कुर्दिश न्यूज चैनल के दफ्तर को निशाना बनाया गया। इरबिल के गवर्नर ओमद खोशनावी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कम से कम पांच 'ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों' ने रविवार को हमला किया। 

बगदाद। उत्तरी इराक स्थित अमेरिकी आर्मी बेस (Amrcan army base) पर रविवार को रॉकेट अटैक (Rocket Attack) हुए। इनके जरिये यूएस आर्मी बेस (US Army base) और इरबिल में एक कुर्दिश न्यूज चैनल के दफ्तर को निशाना बनाया गया। इरबिल के गवर्नर ओमद खोशनावी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कम से कम पांच 'ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों' ने रविवार को हमला किया। हालांकि, अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मिसाइलों का टारगेट क्या था।  सोशल मीडिया पर इस हमले के कई वीडियो सामने आए हैं। इनमें दावा किया गया है कि ईरान की तरफ से इरबिल स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। 

अमेरिकी बेस पर लगातार हो रहे हमले
सितंबर में इरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थित अमेरिकी बेस पर 9/11 हमलों की 20वीं बरसी पर, भी रॉकेट दागे गए थे। पिछले कुछ सालों में इरबिल एयरपोर्ट पर कई बार हमले हो चुके हैं। ज्यादातर हमलों में विस्फोटकों से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी अधिकारी इन हमलों के लिए ईरान-गठबंधन शिया मुस्लिम मिलिशिया का हाथ मानते हैं। इन्होंने बचे हुए 2,500 अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने तक लड़ने की कसम खाई है। इराक में अमेरिकी उपस्थिति लंबे समय से है और यह इरान को हमेशा खटकती रही है। लेकिन जनवरी 2020 में बगदाद हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद तनाव बढ़ा है। इस हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल की मौत हो गई थी जिसकी जवाबी कार्रवाई में ईरान ने अल-असद एयरबेस पर कई मिसाइलें दागी थीं जहां अमेरिकी सैनिक तैनात थे। विस्फोटों में 100 से अधिक सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे।

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ईरान की बदले की कार्रवाई 
इराकी अधिकारियों ने बताया कि यह हमला सीरिया के दमिश्क के पास एक इजरायली हमले के बाद हुआ है। उस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो सदस्य मारे गए थे और ईरान के विदेश मंत्रालय ने उस हमले की कड़ी निंदा की थी। ईरान ने बदला लेने की भी बात कही थी।

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