बलूच कार्यकर्ताओं ने शुरू किया पोस्टर अभियान, सामने ला रहे पाकिस्तान का असली चेहरा

बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करने के लिए जिनेवा में पोस्टर अभियान चलाया। बलूचिस्तान में लोगों का लापता होना और उनकी हत्या आम बात हो गई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 14, 2019 2:35 PM IST

जिनेवा. बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करने के लिए जिनेवा में पोस्टर अभियान चलाया। बलूचिस्तान में लोगों का लापता होना और उनकी हत्या आम बात हो गई हैं। बलूच मानवाधिकारी परिषद (बीएचआरसी) की तरफ से यहां के ब्रोकन चेयर स्मारक इलाके में आयोजित बलूचों की हत्या बंद करो अभियान ऐसे समय में चलाया गया जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का 42वां सत्र चल रहा था।

ब्रोकन चेयर एक स्मारक है जिसे स्विट्जरलैंड के कलाकार डैनियल बरसेट ने बनाया है। जिनेवा में कई प्रदर्शन और धरने इसी इलाके में आयोजित किए जाते हैं। बीएचआरसी ने बयान जारी कर कहा, पाकिस्तान के अंदर बलूचिस्तान सबसे पिछड़ा इलाका है। पाकिस्तान और चीन के लोगों के जीवन में सुधार के उद्देश्य से लाई गई परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर ने इस पिछड़ेपन को और बढ़ाया ही है और इससे पाकिस्तान को बलूच क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में मौजूद संसाधनों के दुरूपयोग और उससे लाभ कमाने का अवसर प्रदान किया है।

आधिकारिक तौर पर जिसे द्विपक्षीय संपर्क, निवेश और वाणिज्य को बढ़ावा देने का प्रयास बताया जा रहा है वह वास्तव में राज्य की तरफ से प्रायोजित सांस्कृतिक तबाही है। पोस्टर अभियान में काफी संख्या में लोगों के लापता होने और उनकी हत्याएं किए जाने को उजागर किया गया है। बीएचआरसी ने कहा, पाकिस्तान की सेना गांवों में कत्लेआम करती है और वहां आग लगा देती है ताकि चीन की कॉलोनियों को वहां बसाया जा सके। बलूचिस्तान के जिन लोगों के घर नष्ट कर दिए गए हैं उन्हें पाकिस्तानी सेना के शिविरों के पास दयनीय हालत में रहने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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