
Bangladesh Ex PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने बुधवार को अवमानना मामले में यह फैसला सुनाया।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हसीना की सजा की मात्रा का फैसला ICT-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने किया। इसकी अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने की। हसीना की सजा उनकी गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण के दिन से लागू होगी। शकील अकंद बुलबुल को भी इसी अवमानना मामले में दो महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। बुलबुल ढाका की एक राजनीतिक हस्ती हैं। वह अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) से जुड़ी हुई थीं।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना के खिलाफ अवमानना का मामला अक्टूबर 2024 में शकील अकंद बुलबुल के साथ कथित तौर पर की गई एक लीक हुई फोन कॉल पर केंद्रित है। आरोप है कि हसीना के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति ने कथित तौर पर कहा, "मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज किए गए हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है"।
कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि यह बयान अदालत की अवमानना है। इससे न्यायिक प्रक्रिया को खतरा पैदा हुआ। बांग्लादेश में 2024 में हुए विद्रोह से संबंधित युद्ध अपराध के मुकदमों में शामिल लोगों को डराने की कोशिश की गई।
बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ बहुत से केस दर्ज किए गए। यह पहली बार है जब उन्हें सजा सुनाई गई है। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। उन्हें प्रधानमंत्री पद से बेदखल कर दिया गया था। शेख हसीना को जान बचाने के लिए भारत आना पड़ा था।
बता दें कि जुलाई-अगस्त 2024 में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत छात्र आंदोलन के रूप में हुई थी। छात्रों ने सरकारी नौकरियों में कोटा सुधारों की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। जल्द ही यह हिंसक हो गया था। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई के मध्य से अगस्त के मध्य के बीच विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले में करीब 1,400 लोग मारे गए थे। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद भी बांग्लादेश में खूब हिंसा हुई थी। इस समय बांग्लादेश के सत्ता की कमान मुहम्मद यूनुस के हाथ में है।
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