
Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश रविवार देर रात फिर दहल उठा। ढाका और कई शहरों में लगातार धमाके, बसों में आगजनी और हिंसा ने माहौल बेहद तनावपूर्ण बना दिया है। इसका सबसे बड़ा कारण मोस्ट अवेटेड इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) का आने वाला बड़ा फैसला है। यह वही केस है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल के जुलाई में विद्रोह में 'क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी' के आरोपों में मौत की सजा तक हो सकती है।
अवामी लीग (Awami League) के फेसबुक पेज पर आधी रात अपलोड किए गए एक ऑडियो संदेश में हसीना ने समर्थकों को सड़कों पर उतरने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'मुझे कोई डर नहीं…मैं जीऊंगी और अपने देश के लोगों के साथ खड़ी रहूंगी।' सरकार ने विरोध-प्रदर्शनों पर बैन लगाया है, लेकिन हसीना ने कहा कि पार्टी को पीछे नहीं हटना चाहिए।
ICT की ओर फैसला सुनाए जाने से पहले अवामी लीग ने सोमवार को बांग्लादेश बंद का ऐलान किया है। हसीना ने इसे अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश बताया और इंटरिम सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'यह अवामी लीग मिटाया नहीं जा सकता,यह जनता की मिट्टी से बना है।' हसीना ने आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, स्कूलों में रोक, घरों पर छापे, खुलकर मारपीट और सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जा रही है।
78 साल की पूर्व पीएम शेख हसीना ने ICT को सीधे-सीधे 'कंगारू कोर्ट' बताया। उन्होंने दावा किया कि 1973 के तहत चलने वाले वॉर-क्राइम ट्रायल कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हसीना ने कहा, 'सारे आरोप झूठे हैं…मैंने किसी को मारने का आदेश नहीं दिया। आदेश डॉ. मुहम्मद यूनुस ने दिया था।' अभियोजन पक्ष (Prosecutors) ने ICT से डेथ पेनल्टी की मांग की है। फैसले के कुछ हिस्से लाइव दिखाए जाएंगे। ICT कानून के मुताबिक, हसीना सिर्फ तभी अपील कर सकती हैं जब उन्हें गिरफ्तार किया जाए या वह 30 दिनों के भीतर सरेंडर करें।
इस फैसले से पहले ढाका में तनाव बढ़ गया है। तीन दिन से ढाका में हिंसा भयानक रूप ले चुकी है। करवान बाजार में धमाका, महिला सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के घर के बाहर क्रूड बम, पुलिस स्टेशन परिसर में आगजनी, बसें जलायी गईं और ग्रेमीन बैंक मुख्यालय पर दो हमले हुए हैं। ढाका पुलिस कमिश्नर ने कहा, 'जो कोई भी बम फेंककर जान लेने की नीयत से हमला करेगा, उसे शूट किया जाएगा।' पूरे शहर में हाई अलर्ट है।
फरवरी में आई UN रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की हिंसा में 1400 तक लोगों की मौत हो गई थी। इंटरिम सरकार ने आंकड़ा 800 मौत और 14,000 घायल बताया गया। हसीना दोनों आंकड़ों को फर्जी बताती हैं और स्वतंत्र जांच की मांग कर रही हैं। फरवरी में नेशनल इलेक्शन होने हैं, लेकिन अवामी लीग पर बैन है। हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने चेतावनी दी है कि अगर पार्टी को चुनाव से बाहर रखा गया, तो चुनाव बाधित होंगे।
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