कई ऑफिसर्स ने कहा-इसके वश का नहीं है लेकिन SP शाजिया सरवर ने पाकिस्तान में रच डाला एक नया इतिहास

बलूचिस्तान की एक महिला पुलिस अधिकारी एसपी शाजिया सरवर(SP Shazia Sarwer) को पाकिस्तान की 72वे सबसे बड़े जिले ल्याह(Layyah या  Leiah) की सिक्योरिटी का जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रांत की पुलिस में महिलाओं की कुल पावर महज 2.25 प्रतिशत है।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 19, 2022 5:32 AM IST / Updated: Sep 19 2022, 12:53 PM IST

लाहौर(LAHORE). पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी लेडी SP को देश के सबसे बड़े प्रांत के एक महत्वपूर्ण जिले की सुरक्षा की कमान सौंपी गई है। बलूचिस्तान की एक महिला पुलिस अधिकारी एसपी शाजिया सरवर(SP Shazia Sarwer) को पाकिस्तान की 72वे सबसे बड़े जिले ल्याह(Layyah या  Leiah) की सिक्योरिटी का जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रांत की पुलिस में महिलाओं की कुल पावर महज 2.25 प्रतिशत है। पंजाब सरकार ने कम विशेषाधिकार प्राप्त प्रांत से संघीय सेवाओं में शामिल होने वालों को मौजूदा वैकेंसी के खिलाफ ल्याह के जिला पुलिस अधिकारी (DPO) के रूप में एसपी शाजिया सरवर को तैनात करके एक पॉजिटिव मैसेज दिया है।

ब्लूचिस्तान की पहली लेडी पुलिस अफसर, जिसे मिली ये जिम्मेदारी
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि SP शाजिया सरवर पंजाब में डीपीओ के रूप में सेवा देने वाली पांचवीं पुलिसकर्मी और बलूचिस्तान मूल की पहली अधिकारी हैं। इससे पहले पिछले चार सालों के दौरान SP शाइस्ता रहमान ने डीपीओ भाखर, एसपी अमारा अथेर ने डीपीओ बहावलनगर और डीपीओ सरगोधा के रूप में, एसपी मारिया महमूद ने डीपीओ पाकपाटन के रूप में और एसपी निदा उमर ने डीपीओ ल्याह के रूप में काम किया है।

इसी डेवलपमेंट के तहत फैसलाबाद शहर के पुलिस अधिकारी (सीपीओ) ओमर सईद मलिक ने फराह बटूल को स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के रूप में जिले के इतिहास में इस पद पर सेवा देने वाला पहला पुलिसकर्मी नियुक्त किया है। मलिक के अनुसार सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में से एक में पुलिस थानों में महिलाओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया था, जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व न के बराबर था। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में शहर में महिला थानेदारों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव है।

पाकिस्तानी की पुलिसिंग में यह एक बड़ा बदलाव
आफिसियल सोर्स ने कहा कि पंजाब पुलिस ने नीति में एक बड़ा बदलाव देखा, जब मौजूदा आईजीपी फैसल शाहकर ने सभी रैंकों में पुरुष-प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए महिला अधिकारियों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए कई बैठकें कीं। शुरू में उन्हें विभाग के भीतर से विरोध भी झेलना पड़ा। कुछ सीनियर मेल पुलिस आफिसर्स ने पॉलिसी का स्पष्ट विरोध किया था। उनका विचार था कि उन्हें फील्ड पोस्टिंग में महिलाओं का समर्थन नहीं करना चाहिए। उनका तर्क था कि कई चुनौतियों के चलते महिलाएं जिम्मेदारी नहीं निभा पाएंगी। यहां तक कि पंजाब पुलिस प्रमुख को सलाह दी गई थी कि अगर वह महिला अधिकारियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें प्रशासनिक पद या अन्य गैर-क्षेत्रीय कार्य दिए जा सकते हैं। यानी दफ्तर में कोई बड़ा काम दे दिया जाए। हालांकि, आईजीपी शाहकर ने इस तरह के सुझावों को खारिज कर दिया और फील्ड पुलिस अधिकारियों को अपने संबंधित जिलों और क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों का महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश जारी किए।

यह भी जानें
हाल ही में आईजीपी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही को डीपीओ के तीन पदों के लिए तीन पुलिसकर्मियों शाजिया सरवर, अमारा अतहर और शाइस्ता नदीम के नामों की सिफारिश की थी। बाद में अधिकारियों को सीएम सचिवालय में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जहां आईजीपी शाहकर भी मौजूद थे। अधिकारी ने बताया कि इनमें से मुख्यमंत्री ने एसपी सरवर को ल्याह का डीपीओ नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। अधिकारी ने कहा कि लगभग 200,000 कर्मियों की कुल संख्या में से केवल 4,500 महिला अधिकारी पंजाब पुलिस विभाग में कार्यरत हैं और उनमें से कुछ ही डीआईजी या उससे ऊपर के उच्च पद तक पहुंच सकती हैं।

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