
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को डेनमार्क के पीएम मेटै फ्रेडरिकसन के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सूत्रों के मुताबिक भारत और डेनमार्क द्विपक्षीय सम्मेलन में दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए बौद्धिक संपदा सहयोग संबंधी समझौते को लेकर चर्चा हो सकती है। यह सम्मेलन भारत की मेजबानी में आयोजित किया जाएगा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली किया जाएगा। इसकी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को दी है।
शनिवार को दोनों देशों में हुआ बौद्धिक संपदा सहयोग संबंधी समझौता
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने शनिवार को ही डेनमार्क के उद्योग, व्यापार एवं वित्तीय मामलों के मंत्रालय के डैनिश पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय के साथ बौद्धिक संपदा सहयोग के संबंध में एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस मौके पर डीपीआईआईटी के सचिव डॉ. गुरूप्रसाद महापात्र और डेनमार्क के राजदूत श्री फ्रैडी स्वेन ने इस समझौता पत्र पर औपचारिक तौर पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15.09.2020 को हुई बैठक में आईपी सहयोग के मुद्दे पर डेनमार्क के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी थी।
क्या होगा समझौते के तहत?
समझौते के तहत दोनों देशों की आम जनता, अधिकारियों, व्यावसायिक एवं अनुसंधान तथा शैक्षिक संस्थानों के बीच श्रेष्ठ तौर तरीकों, अनुभवों और ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों में परस्पर सहयोग, विशेषज्ञों का आदान प्रदान, तकनीकी और सेवा प्रदान करने की गतिविधियों का भी दोनों देशों के बीच सहयोग होगा। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस समझौता पत्र को लागू करने के लिए द्वैवार्षिक कार्ययोजना तैयार करने का काम दोनों देश करेंगे। इसमें सहयोगात्मक गतिविधियों को लागू करने के लिए खासतौर से गतिविधि के प्रयोजन के बारे में विस्तृत योजना तैयार करना शामिल होगा। यह एमओयू भारत और डेनमार्क के बीच परस्पर दीर्घकालीन सहयोग को सुदृढ़ बनाएगा और दोनों देशों को एक दूसरे के अनुभवों, खासतौर से अन्य देशों में लागू की जाने वाली श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के बारे में सीखने के अवसर उपलब्ध कराएगा। यह कदम भारत की वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में यात्रा के लिए और राष्ट्रीय आईपीआर नीति, 2016 के लक्ष्य को प्राप्त करने के रास्ते में मील का पत्थर साबित होगा।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।