90 मिनट में शख्स को पिला दिया 22 से ज्यादा शराब के मौत वाले शॉट, स्ट्रिप क्लब में खेला जाता था खतरनाक खेल

पौलेंड घूमने आए एक ब्रिटिश शख्स को स्ट्रिप क्लब के स्टाफ ने 90 मिनट में 22 से ज्यादा शराब की शॉट दिए, जिससे उसकी मौत हो गई।

Danish Musheer | Published : Apr 19, 2023 7:06 AM IST / Updated: Apr 19 2023, 12:44 PM IST

वॉरसॉ: पौलेंड घूमने आए एक ब्रिटिश शख्स की स्ट्रिप क्लब में जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक क्लब के स्टाफ ने कथित तौर पर उन्हें जमकर शराब पिलाई, जिससे शख्स की मौके पर ही मौत हो गई। कहा जा रहा है कि स्टाफ ने उन्हें जहरीली शराब परोसी थी और 90 मिनट में 22 से ज्यादा शॉट दिए गए थे। इसके बाद क्लब के कर्मचारियों ने उनसे 2,200 पोलिश ज्लॉटी (42,816 रुपये) भी लूट लिए।

मृतक के पहचान ब्रिटेन के मार्क सी के रूप में हुई थी। वह क्राको के एक वाइल्ड नाइट क्लब में एक दोस्त के साथ पहुंचे थे। नाइट क्लब में जाने से पहले भी वह नशे में थे। जांचकर्ताओं के मुताबिक, मार्क ने क्लब में ड्रिंक लेने से मना कर दिया था, लेकिन स्टाफ के सदस्यों ने उन्हें और शॉट्स लेने के लिए राजी किया। उन्हें शराब के लगभग दो दर्जन शॉट दिए गए थे, जिससे बाद में उनकी मौत हो गई।

नहीं मिली चिकित्सा

पोलिश अधिकारियों के अनुसार उनकी मौत के समय उनके ब्लड में अल्कोहल की मात्रा कम से कम 0.4 प्रतिशत थी। इसमें से कम से कम जहरीली शराब की मात्रा 0.3 प्रतिशत होने की संभावना है। पुलिस ने बताया कि जांच से पता चला है कि शख्स को जहरीली शराब दी गई थी। साथ ही उसे चिकित्सा सहायता नहीं दी गई थी।

58 लोगों पर आरोप

बता दें यह घटना साल 2017 में हुई थी और हाल ही पोलिश की पुलिस द्वारा नाइट क्लबों पर छापेमारी के दौरान या मामला सामने आया था। पुलिस ने इसे लेकर 58 लोगों को आरोपी माना है। उन्होंने 700 से अधिक आपराधिक आरोप भी दायर किए हैं।

पैसे लूटने के लिए चलाते थे रैकेट

वहीं, पोलिश सेंट्रल पुलिस इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (CBSP) ने कहा कि क्लब एक रैकेट चलाता था, जिसमें वे ग्राहकों को उनके पैसे लूटने से पहले शराब पिलाते थे। सीबीएसपी ने स्पष्ट किया कि समूह ने पीड़ित की मानसिक और शारीरिक स्थिति का लाभ उठाया और क्लब में कथित रूप से दी जाने वाली वस्तुओं और सर्विस के लिए पेमेंट कार्ड या अन्य फाइनेंशियल सोर्स का उपयोग करके लेनदेन किया था।

कितनी होती है सजा?

1818 की दंड संहिता के अनुसार पौलेंड में हत्या करने वाले के तलवार से सिर काटकर या फांसी लगाकर फांसी दी जाती थी। यह दंड संहिता 1867 में रूस में इंटिग्रेशन तक लागू थी। 1918 में स्वतंत्रता हासिल करने के बाद भी पोलिश कानून में हत्या के आरोप में मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है।

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