धरती पर कब और कहां कितनी होगी बारिश? चीन की सैटेलाइट देगी जवाब, मिलेगी सटीक जानकारी

चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सैटेलाइट बनाई है, जिसके मदद से यह पता चल सकता है कि पृथवी पर कहां कितनी बारिश होगी?

बीजिंग: चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सैटेलाइट बनाई है, जो पृथ्वी पर बारिश को मापने में मदद कर सकती है। इस सैटेलाइट से यह पता चल सकता है कि पृथ्वी पर कहां कितनी बारिश होगी? चीन द्वारा बनाए गएइस सैटेलाइट का नाम है Fengyun-3G या FY-3G है। इसे हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह सैटेलाइट 6 साल तक काम करेगी। FY-3G चीन की पहली ऐसी सौटेलाइट है, जिसकी मदद से वैज्ञानिक अंतरिक्ष से पृथ्वी पर बारिश की निगरानी कर सकेंगे।

बता दें कि दुनिया में अब तक ऐसे केवल तीन सैटेलाइट ही हैं, जो धरती पर होने वाली बारिश की जानकारी देंगे। FY-3G उनमें से एक है। इसे चीन एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन के एक संस्थान ने बनाया है और इसके ग्राउंड सिस्टम को चीन का मौसम विभाग बनाएगा और इसे संचालित भी करेगा।

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सेंट्रल मीटियोरोलॉजिकल ऑब्ज़रवेटरी के प्रमुख चेन जेनलिन ने कहा है कि फेंगयुन सीरीज के 20वीं सैटेलाइट FY-3G से चीन मौसम से जुड़ी लो-ऑर्बिट सैटेलाइट की ताकत का पता लगेगा। साथ ही इससे वैश्विक तूफानों से जुड़ी शुरुआती चेतावनी देने की क्षमता में काफी सुधार होगा।

डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार

बारिश पर नजर रखने और शुरुआती चेतावनी की सटीकता बढ़ाने के लिए, वैज्ञानिकों ने FY-3G पर बारिश मापने वाला डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार भी लगाया है, जो सैटेलाइट को 407 किमी की ऊंचाई पर भी बूंदा-बांदी की सटीक जानकारी दे सकेगा।

अब तक रेन गेज और रडार का इस्तेमाल

गौरतलब है कि अब तक बारिश के बारे में जानकारी का पता जमीन पर मौजूद रेन गेज और रडार से चलता था। हालांकि, उपकरणों की कमी और असमान वितरण की वजह से बड़े पैमाने पर मौसम के बारे सटीक जानकारी हासिल करना मुश्किल हो गया था। FY-3G के मुख्य डिजाइनर कियान बिन का कहना है कि सैटेलाइट 50 डिग्री के झुकाव के साथ कम झुकाव वाला ऑर्बिट में होगा। यह 50 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 50 डिग्री दक्षिण अक्षांश की सीमा के अंदर का डेटा देगा।

 

 

ब्लाइंड स्पॉट की समस्या होगी दूर

नेशनल सैटेलाइट मीटियोरोलॉजिकल सेंटर के उप निदेशक झांग पेंग का कहना है कि जमीन पर मौजूद डिवाइसों में ब्लाइंड स्पॉट होते हैं। हालांकि स्पेस सैटेलाइट इस खामी को दूर कर सकती हैं। इतना ही नहीं वह उन जगहों का डेटा भी कलेक्ट कर सकती हैं, जहां ग्राउंड पर आधारित माप नहीं लिया जा सकता.

बारिश और आंधी की देगा जानकारी

मौसम विभाग का कहना है कि अगले छह महीनों में FY-3G इन-ऑर्बिट टेस्ट से गुजरेगा और बारिश और आंधी जैसी मौसम संबंधी आपदाओं की चुनौतियों का सामना करेगा। उल्लेखनीय है कि चीन के पास इस समय ऑर्बिट में मौसम से जुड़ी कुल 8 फेंगयुन सैटेलाइट्स हैं, जो 126 देशों और इलाकों को अपना डेटा और सेवाएं दे रही हैं।

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