ब्रॉडशीट घोटाला : पाकिस्तान में अंतहीन भ्रष्टाचार की कहानी, बना अब इमरान खान के गले की हड्डी

पाकिस्तान का ब्रॉडशीट घोटाला (Broadsheet Scandal) वहां के अंतहीन भ्रष्टाचार की गाथा है। बता दें कि दशकों पहले शुरू हुए इस घोटाले की जद में पाकिस्तान के तमाम बड़े नेताओं के नाम आ चुके हैं। पाकिस्तान के तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) ने देश की संपत्ति लूट कर विदेशों में जमा करने वाले नेताओं के खिलाफ जांच के लिए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो की स्थापना की थी, जिससे इस घोटाले के तार जुड़े हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2021 12:49 PM IST

इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान का ब्रॉडशीट घोटाला (Broadsheet Scandal) वहां के अंतहीन भ्रष्टाचार की गाथा है। बता दें कि दशकों पहले शुरू हुए इस घोटाले की जद में पाकिस्तान के तमाम बड़े नेताओं के नाम आ चुके हैं। पाकिस्तान के तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) ने देश की संपत्ति लूट कर विदेशों में जमा करने वाले नेताओं के खिलाफ जांच के लिए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की स्थापना की थी, जिससे इस घोटाले के तार जुड़े हैं। ब्रॉडशीट घोटाला मुख्य तौर पर नवाज शरीफ और जनरल परवेज मुशर्रफ की सत्ता के दौरान शुरू हुआ और इसने पाकिस्तान के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी। इसके चलते इमरान खान की सरकार भी मुश्किल में फंस गई है। इस घोटाले की वजह से लंदन की अदालत ने पाकिस्तान उच्च आयोग के बैंक खाते से रकम निकालने पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ब्रिटेन स्थित रिकवरी फर्म ब्रॉडशीट एलएलसी मामले की जांच का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अजमत सईद शेख को सौंपा है।

क्या है यह मामला
दरअसल, जब परवेज मुशर्रफ सत्ता में आए तो उन्हें यह एहसास हुआ कि राजनेताओं सहित कई प्रमुख लोगों ने देश की संपत्ति को भ्रष्टाचार के जरिए लूटा है और विदेशों में संपत्ति खड़ी कर ली है। उन्होंने उस संपत्ति की रिकवरी के लिए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) बनाई और उसकी कमान जनरल अमजद को सौंपी। जनरल अमजद ने विदेशों से संपत्ति की रिकवरी के लिए ब्रॉडशीट कंपनी का चुनाव किया। कहते हैं कि इस कंपनी को इस क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। नैब वे आइल ऑफ मैन में ब्रॉडशीट के साथ करार किया। 

रिकवरी के लिए सौंपी 200 लोगों की लिस्ट
परवेज मुशर्रफ की सरकार ने इस कंपनी को 200 लोगों की लिस्ट सौंपी, जिनकी संपत्ति की रिकवरी की जानी थी। कंपनी के साथ यह करार था कि रिकवर की गई संपत्ति का 20 फीसदी हिस्सा उसे मिलेगा। कंपनी ने 7.5 मिलियन डॉलर की रिकवरी भी कराई, लेकिन बाद में कंपनी के साथ पाक सरकार ने करार खत्म कर दिया। इसके खिलाफ कंपनी अदालत में चली गई। बाद में कंपनी की अपनी स्थिति ही खराब होने लगी और वह घाटे में जाने लगी। 2007 में वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाने की वजह से ब्रॉडशीट लिक्विडेशन में चली गई।

कई नेता आए इसकी जद में
भले ही यह कंपनी अपना काम पूरा नहीं कर सकी, लेकिन इसकी वजह से पाकिस्तान के कई नेताओं पर गाज गिरी। इनमें नवाज शरीफ से लेकर बेनजीर भुटटो और उनके पति आसिफ अली जरदारी भी शामिल हैं, जिन्हें 11 साल से भी ज्यादा जेल में बिताने पड़े। इसकी जद में पाकिस्तान के और भी कई बड़े नाम आए। इनमें वे लोग भी शामिल थे, जिन्हें भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की जिम्मेजदारी दी गई थी। यह घोटाला अभी भी पाकिस्तान का पीछा नहीं छोड़ रहा है और इमरान खान के गले की हड्डी बन गया है। 

 

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