Mark Carney: गलतफहमी में न रहें, हॉकी की तरह…मार्क कार्नी ने डोनाल्ड ट्रंप को खुलेआम दी ये धमकी

Published : Mar 12, 2025, 09:39 AM IST
mark carney

सार

Mark Carney: मार्क कार्नी कनाडा के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं, जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। उन्होंने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में जीत हासिल की। कार्नी ने विजय भाषण के दौरान ट्रंप पर हमला बोला है।

Mark Carney: मार्क कार्नी कनाडा के नए प्रधानमंत्री बनेंगे। वह जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में 86% वोटों से जीत हासिल की। कार्नी ऐसे समय में देश की जिम्मेदारी संभालेंगे, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओटावा के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ा हुआ है। मार्क जल्द ही प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और आने वाले चुनाव में लिबरल पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

मार्क कार्नी ने डोनाल्ड ट्रंप ने दी धमकी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 59 साल के मार्क कार्नी ने अपने विजय भाषण में अधिकांश समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "अमेरिकियों को कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। हॉकी की तरह व्यापार में भी कनाडा जीतेगा।"

उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाए थे

यह टिप्पणी उस समय आई है जब यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से कनाडा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। ट्रंप कई बार कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य और उसके प्रधानमंत्री को राज्य का गर्वनर बता चुके हैं। ट्रंप ने कनाडा से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाए थे। हालांकि बाद में इनमें से कुछ पर रोक भी लगा दी गई। इसके जवाब में कनाडा ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाए। ट्रूडो ने ट्रंप पर आरोप लगाया था कि वह कनाडा की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

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51वां राज्य बनाने के डोनाल्ड ट्रंप का दावा

कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने के डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए, मार्क कार्नी ने कहा, "कनाडा कभी भी किसी भी तरह से अमेरिका का हिस्सा नहीं होगा।" उन्होंने यह भी कहा अमेरिकी हमारे संसाधन हमारा पानी, हमारी जमीन, हमारा देश चाहते हैं। लिबरल पार्टी की नेतृत्व की दौड़ जनवरी में शुरू हुई थी, जब जस्टिन ट्रूडो ने लगभग एक दशक तक प्रधानमंत्री रहते हुए इस्तीफा दिया था। ट्रूडो पर पद छोड़ने का भारी दबाव था, क्योंकि उनकी लोकप्रियता मतदाताओं के बीच बहुत गिर गई थी। लोग आवास संकट और बढ़ती जीवन यापन लागत से परेशान थे।

 

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