आज इस्तीफा दे सकते हैं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो

Published : Jan 06, 2025, 10:50 AM IST
canada prime minister

सार

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की अटकलों से देश की राजनीति गरमाई हुई है। अक्टूबर में होने वाले चुनाव से पहले लिबरल पार्टी में भीतरघात की खबरें आ रही हैं।

कनाडा में इस साल अक्टूबर में चुनाव होने हैं लेकिन देश की राजनीति में अभी से उथल-पुथल मची हुई है।राजनीतिक घटनाक्रम में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आज अपने पद से इस्तिफा दे सकते हैं। लिबरल पार्टी के भीतर ट्रूडो के पद छोड़ने की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि इस खबर की अब तक पुष्टि नहीं की गई है कि जस्टिन इस्तीफा देंगे या नए नेता के चयन होने तक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे।

इस्तीफा दे सकते हैं ट्रूडो

सर्वेक्षणों के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर में होने वाले आगामी संघीय चुनाव में ट्रूडो के उदारवादी विपक्षी कंजर्वेटिवों से बुरी तरह हार जाएंगे। 16 दिसंबर को ही ट्रूडो की सबसे भरोसेमंद सहयोगी कही जाने वाली और देश की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों ने द ग्लोबल एंड मेल को बताया कि बुधवार को एक राष्ट्रीय मीटिंग से पहले ट्रूडो पद छोड़ने का फैसला ले सकते हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स ने भी अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रूडो का इस्तीफा अगले चौबीस घंटों के भीतर कभी भी हो सकता है।

2013 में संभाला था पद

2013 में ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता के रूप में पदभार संभाला, जब पार्टी गहरे संकट में थी और पहली बार हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे स्थान पर आ गई थी। 16 दिसंबर को, फ्रीलैंड ने ट्रूडो के साथ नीतिगत टकराव के बाद अप्रत्याशित रूप से अपना इस्तीफा दे दिया, और खर्च बढ़ाने की अपनी योजना को "राजनीतिक नौटंकी" बताया। फ्रीलैंड ने यह भी कहा कि आने वाले ट्रम्प प्रशासन द्वारा कनाडाई आयात पर नए टैरिफ का खतरा एक गंभीर खतरे का प्रतिनिधित्व करता है। 20 जनवरी को पदभार संभालने वाले ट्रम्प ने कनाडा के सामानों पर तब तक 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जब तक कि ओटावा नशीले पदार्थों और अमेरिका में सीमा पार करने वाले प्रवासियों पर रोक नहीं लगा देता।

क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "इसका मतलब है कि आज हमारे राजकोषीय संतुलन को सूखा रखना, ताकि हमारे पास टैरिफ युद्ध के लिए आवश्यक भंडार हो। इसका मतलब महंगी राजनीतिक चालबाज़ियों से बचना है, जिन्हें हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।"

यह भी पढ़ें: BPSC Exam: प्रशांत किशोर के अनशन का अंत, पुलिस ने गांधी मैदान से उठाया, Video

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

शादी का झूठा वादा कर दुष्कर्म का आरोप, बुरा फंसा तेज गेंदबाज!
मुंह में गिरी पत्ती थूकने पर 86 साल के बुजुर्ग पर 30000 का जुर्माना, पढ़ें इस देश की अजीब कहानी