
ChatGPT: अमेरिका के कैलिफोर्निया में इसी साल अप्रैल में 16 साल के एडम राइन ने आत्महत्या कर ली थी। पहले उसके माता-पिता को लगा कि राइन ने चिंता और अकेलेपन के चलते यह कदम उठाया है। बाद में पता चला कि उनके बेटे के अंतिम दिनों में उसका सबसे करीबी विश्वासपात्र कोई दोस्त, शिक्षक या परामर्शदाता नहीं, बल्कि ChatGPT था।
एडम राइन के माता-पिता ने अब OpenAI के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार एडम के माता-पिता ने कहा है कि एडम चिंता से जूझ रहा था। वह अपने परिवार के सामने खुलकर बात नहीं कर सका। ऐसे में सांत्वना और सलाह के लिए एआई चैटबॉट का सहारा लिया। यह बॉट उसके लिए "आत्महत्या कोच" बन गया।
एडम की मौत 11 अप्रैल 2025 को हुई थी। मुकदमे में दावा किया गया है कि मरने से पहले के दिनों में उसने बॉट के सामने अपने सबसे गहरे विचार प्रकट किए। उसे मदद लेने की सलाह नहीं दी गई, बल्कि मरने की अपनी योजना को अंजाम देने के बारे में बताया गया। स्टेप बाई स्टेप बताया गया कि वह कैसे मर सकता है। एडम के पिता मैट रेन ने कहा, "मुझे 100% विश्वास है कि चैटजीपीटी नहीं होता तो वह यहां होता।"
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हाई स्कूल में दूसरे वर्ष का छात्र एडम शरारती था। उसे बास्केटबॉल, एनीमे, वीडियो गेम और कुत्तों का बहुत शौक था। वह मुश्किल दौर से गुजर रहा था। उसे बास्केटबॉल टीम से निकाल दिया गया था और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या के कारण ऑनलाइन स्कूल प्रोग्राम में जाना पड़ा था।
करीब उसी समय एडम ने स्कूलवर्क में मदद के लिए ChatGPT का इस्तेमाल शुरू किया। उनके माता-पिता का आरोप है कि इससे मामला और बिगड़ गया। कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में एडम और चैटजीपीटी के बीच हजारों बातचीत का ब्यौरा है। उसके माता-पिता का कहना है कि ChatGPT ने उसे एहसास दिलाया कि वह उसे समझता है। उसने एडम और उसके माता-पिता व तीन भाई-बहनों से उसके अलगाव को गहरा किया।
मुकदमे में कहा गया है, "कुछ ही महीनों और हजारों चैट के दौरान, चैटजीपीटी एडम का सबसे करीबी विश्वासपात्र बन गया। एडम ने उससे अपनी चिंता और मानसिक परेशानी के बारे में खुलकर बात की।" इस ऐप ने उसके सबसे हानिकारक और आत्म-विनाशकारी विचारों को बढ़ावा दिया और उसे अंधेरी व निराशाजनक जगह में धकेल दिया।"
(Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। स्पंदन (मध्य प्रदेश) 9630899002, 7389366696, संजीवनी: 0761-2626622, TeleMANAS 1-8008914416/14416, जीवन आधार: 1800-233-1250. मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।)
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