"इतने भारी टैरिफ लगाएंगे कि...." पीएम मोदी संग फोन कॉल को लेकर ट्रंप का बड़ा दावा

Published : Aug 27, 2025, 12:53 PM IST
Trump Nobel

सार

US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को रोकने में उनकी अहम भूमिका रही है।

Trump Tariffs: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष का जिक्र किया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि कई बार हालात ऐसे बने जब व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की आमने-सामने थे लेकिन मैंने दोनों को एकसाथ लेकर आया। अगर मैं आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाता तो हालात विश्व युद्ध तक पहुंच सकते थे। ट्रंप ने कहा, “ अगर मैंने ये कदम नहीं उठाया होता तो यूक्रेन विश्व युद्ध शुरू कर देता और यह हम कभी नहीं चाहते। इसी तरह, भारत और पाकिस्तान के बीच अगर मैंने दखल नहीं दिया होता तो हालात परमाणु युद्ध तक पहुंच सकते थे। उस समय 7 जेट मार गिराए गए थे। हो सकता है वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो।”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ट्रंप ने की बात

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। उन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक शानदार इंसान हैं। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने मोदी से पूछा कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्या चल रहा है। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान से भी बात की। दोनों देशों के रिश्तों का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नफरत बहुत गहरी है और यह सैकड़ों सालों से चलती आ रही है।

यह भी पढ़ें: दावाः झूठे ट्रंप का कॉल रिसीव नहीं कर रहे PM मोदी, 4 बार फोन लगा चुके हैं US राष्ट्रपति

भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बारे में क्या बोले ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “मैं आपके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करना चाहता… आप लोग परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। मैंने कहा कि कल मुझे दोबारा फोन करना, लेकिन हम आपसे कोई समझौता नहीं करेंगे। अगर किया तो हम इतने ज्यादा टैरिफ लगा देंगे कि आपका सिर चकरा जाएगा।” ट्रंप ने दावा किया कि इस बयान के करीब पांच घंटे के भीतर हालात बदल गए।

ट्रंप कई बार भारत-पाकिस्तान संघर्ष का के बारे में बोल चुके हैं। हालांकि, भारत हमेशा यह साफ करता रहा है कि युद्धविराम और संघर्ष रोकने का फैसला उसके अपने रणनीतिक कदमों का नतीजा था, न कि किसी तीसरे देश के दबाव का। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में संसद में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के दावों को पूरी तरह खारिज किया था।

 

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