
US Tariff: अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने इसके लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस कदम का असर भारत के निर्यात और कई उद्योगों पर पड़ेगा। भारत सरकार अपनी अर्थव्यवस्था की निर्यात पर निर्भरता कम करने के लिए स्वदेशी चीजों को अपनाने पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीयों से कहा कि वे वोकल फॉर लोकल बनें और भारतीय सामान खरीदें।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारत के कपड़ा और परिधान उद्योग पर असर पड़ा है। तिरुपुर, नोएडा और सूरत के कई फैक्ट्री मालिकों ने उत्पादन रोक दिया गया है क्योंकि लागत बढ़ गई है और प्रतिस्पर्धा में गिरावट आई है।
US Tariff: अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने से कई भारतीय निर्यात सेक्टरों पर बड़ा असर पड़ सकता है। खासकर टेक्सटाइल और कपड़ा उद्योग, जिसका लगभग 30% निर्यात अमेरिका पर निर्भर है। रत्न और आभूषण क्षेत्र में लगभग 10 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा, जिसके कारण हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
समुद्री उत्पादों में विशेषकर झींगा की बिक्री का 48% हिस्सा अमेरिका में होता है। 50% टैरिफ लागू होने के बाद इसकी कीमत बढ़ जाएगी और बिक्री घट सकती है। होम टेक्सटाइल और कालीन का 60% और 50% निर्यात अमेरिका को जाता है, जिससे इन उत्पादों की मांग प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, फर्नीचर, चमड़ा और हैंडीक्राफ्ट्स जैसे सेक्टर भी उच्च टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजार से बाहर होने की कगार पर पहुंच सकते हैं।
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अमेरिकी टैरिफ के कारण तमिलनाडु के तिरुपुर में कई कारखाने बंद हो सकते हैं और बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जा सकती है। यह शहर भारत के कुल निटवियर निर्यात का लगभग 68% संभालता है और लगभग दस लाख लोग यहां काम करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संकट से करीब 1.5 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
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