
US Russian energy Deals: एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाते हैं। दूसरी ओर वह रूस के साथ ऊर्जा समझौतों के लिए बातचीत कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी और रूसी सरकारी अधिकारियों ने इस महीने ऊर्जा समझौतों पर चर्चा की। यह बातचीत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए हो रही वार्ता के साथ हुई है।
ये समझौते क्रेमलिन को यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने और वाशिंगटन द्वारा रूस पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर पेश किए गए थे। फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन आक्रमण के बाद प्रतिबंधों के कारण रूस अपने ऊर्जा क्षेत्र में अधिकांश अंतरराष्ट्रीय निवेश और प्रमुख सौदों से कट गया है।
रूस और अमेरिका के बीच हुई बातचीत से परिचित सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के अधिकारियों ने एक्सॉन मोबिल (XOM.N) के रूस की सखालिन-1 तेल और गैस परियोजना में फिर से शामिल होने की संभावना पर चर्चा की। रूस द्वारा अपनी एलएनजी परियोजनाओं (जैसे आर्कटिक एलएनजी 2, जो पश्चिमी प्रतिबंधों के अधीन है) के लिए अमेरिकी उपकरण खरीदने की संभावना पर भी चर्चा की गई। अमेरिका द्वारा रूस से परमाणु ऊर्जा से चलने वाले आइसब्रेकर जहाज खरीदने को लेकर भी बात हुई।
ये बातचीत इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ की मॉस्को यात्रा के दौरान हुई थी। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके निवेश दूत किरिल दिमित्रिव से मुलाकात की थी। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी इस पर चर्चा हुई थी। 15 अगस्त को अलास्का शिखर सम्मेलन में भी इन सौदों पर बात हुई थी।ऐद
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद एक बड़ी निवेश डील की घोषणा करते हुए एक हेडलाइन देना चाहता था। इस तरह ट्रंप को लगता है कि उन्होंने कुछ हासिल कर लिया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने इन समझौतों के बारे में कहा कि ट्रंप और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए बातचीत कर रहे हैं ताकि हत्याओं को रोका जा सके और युद्ध समाप्त किया जा सके। इन मुद्दों पर आगे सार्वजनिक रूप से बातचीत करना राष्ट्रीय हित में नहीं है।
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