पेलोसी की यात्रा को लेकर ताइवान दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच टकराव का केंद्र बन गया है। चीन की धमकियों के बीच एक अतिसुरक्षित विमान में नैन्सी पेलोसी ताइवान पहुंचीं थीं। पेलोसी को कवर करने के लिए 24 फाइटर विमान भेजे गए थे। पेलोसी को रोकने के लिए चीन की सारी धमकियां बेकार चली गई थीं।
नई दिल्ली। यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन बेहद आक्रामक हो चुका है। चीन, ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में सैन्य ड्रिल तो कर ही रहा है, लगातार फाइटर जेट्स और वॉरशिप ताइवान क्षेत्र की ओर भेज रहा है। चीन की कार्रवाई से एक और युद्ध की आशंका से दुनिया सहमी हुई है। उधर, ताइवान रक्षा मंत्रालय ने चीन के दुस्साहस की निंदा की है।
शुक्रवार को 68 फाइटर जेट्स ताइवान में भेजे
ताइपे की सेना ने कहा कि 68 चीनी लड़ाकू विमानों और 13 युद्धपोतों ने बीजिंग की सेनाओं द्वारा शुक्रवार के सैन्य अभ्यास के दौरान ताइवान स्ट्रेट्स को पार करने वाली मध्य रेखा को पार किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हम साम्यवादी सेना की जानबूझकर ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार करने और ताइवान के आसपास समुद्र और हवा में सैन्य ड्रिल से परेशान करने के लिए निंदा करते हैं।
मंगलवार को ताइवान पहुंची थीं नैन्सी पेलोसी
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी मंगलवार को ताइवान पहुंची थीं। पेलोसी की इस यात्रा को लेकर ताइवान दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच टकराव का केंद्र बन गया है। चीन की धमकियों के बीच एक अतिसुरक्षित विमान में नैन्सी पेलोसी ताइवान पहुंचीं थीं। पेलोसी को कवर करने के लिए 24 फाइटर विमान भेजे गए थे। पेलोसी को रोकने के लिए चीन की सारी धमकियां बेकार चली गई थीं। यात्रा रद्द कराने के लिए चीन ने हर संभव प्रयास किया, धमकियां दी। ताइवान की ओर चीन ने अपने 21 लड़ाकू विमान भी भेजे।
ताइवान के छह क्षेत्रों में मिलिट्री एक्सरसाइज
चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद टारगेटेड मिलिट्री एक्शन की शपथ ली है। चीन की पीएलए गुरुवार से ताइवान के छह क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास किया। अमेरिकी डेलीगेशन की यात्रा की निंदा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पीएलए, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगी। यह बाहरी हस्तक्षेप और 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादी प्रयासों को पूरी तरह से विफल कर देगी।
चीन ने ताइवान की ओर भेजे थे अपने लड़ाकू विमान
चीन ने ताइवान के मसले में अमेरिकी हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी थी। मंगलवार को अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भी चीन ने सख्त लहजे में अंजाम भुगतने को चेताया था। लेकिन चीनी धमकियों के बावजूद अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा जारी रही। उधर, अमेरिका के रूख से नाराज चीन ने ताइवान की ओर अपने लड़ाकू विमान भेजने शुरू कर दिए। चीनी वायु सेना के Su-35 लड़ाकू जेट ताइवान स्ट्रेट क्षेत्र में बेस पर तैनात कर दिए गए हैं। मंगलवार को इन जेट्स को ताइवान स्ट्रेट पार करते देखा गया था।
चीन क्यों लगातार कर रहा है विरोध
दरअसल, बीजिंग, ताइवान को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में मानता है। चीन ने 25 से अधिक वर्षों में सर्वोच्च रैंकिंग वाले अमेरिकी अधिकारी की यात्रा को लेकर चेतावनी दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, "अमेरिका भड़काऊ कार्रवाई कर रहा है जिससे ताइवान स्ट्रेट में तनाव बढ़ सकता है। इसे पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अमेरिका निश्चित रूप से जिम्मेदारी लेगा और चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को कम करने के लिए कीमत चुकाएगा।
ताइवान की विदेश मंत्री ने की थी पेलोसी की अगवानी
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने यात्रा को लेकर चुप्पी साध रखी थी। लेकिन ताइवान की विदेश मंत्री ने हवाई अड्डे पर पेलोसी की अगवानी की। यहां सैकड़ों लोग उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़े। उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था। ताइपे की सबसे ऊंची इमारत को स्वागत के तौर पर सजाया गया। पेलोसी को ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू द्वारा आगमन पर बधाई दी गई।
चीन ने बार बार चेताया है अमेरिका को...
चीन ने मंगलवार को भी अमेरिका को चेतावनी दी थी। उसने अमेरिका को कहा कि वन चाइना प्रिंसिपल ही चीन-अमेरिका संबंधों का राजनीतिक आधार है। अगर अमेरिका, ताइवान स्वतंत्रता को लेकर चीन के खिलाफ अलगाववादी नीति को अपनाता है तो उसको जवाब दिया जाएगा। अमेरिकी अधिकारी पेलोसी द्वारा ताइवान की यात्रा से चीन के आंतरिक मामलों में भारी हस्तक्षेप होगा। इससे ताइवान स्ट्रेट्स में शांति और स्थिरता को बहुत खतरा होगा, चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर रूप से कमजोर करेगा और बहुत गंभीर स्थिति और गंभीर परिणाम देगा। पढ़िए पूरी खबर...
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