हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी पर लगेगी लगाम, भारत-वियतनाम साथ आए, तीन दिनी दौरे पर हैं राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) 8-10 जून की ऑफिसियल विजिट पर वियतनाम मे हैं। वे मंगलवार को वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे थे। इस विजिट का मकसद दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ समुद्री सुरक्षा में एक-दूसरे को सहयोग करना;खासकर चीन की दादागीरी पर लगाम लगाना है।

Amitabh Budholiya | Published : Jun 8, 2022 6:48 AM IST / Updated: Jun 08 2022, 12:20 PM IST

हनोई. भारत और वियतनाम के बीच रिश्तों की एक नई इबारत लिखी गई है। बुधवार को डिफेंस कॉपरेशन का दायरा और पैमाना(scope and scale) को और अधिक बढ़ाने दोनों देशों के बीच म्यूचल लॉजिस्टिक सपोर्ट के डाक्यूमेट्स पर साइन हुए। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) 8-10 जून की ऑफिसियल विजिट पर वियतनाम मे हैं। वे मंगलवार को वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे थे। इस विजिट का मकसद दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ समुद्री सुरक्षा में एक-दूसरे को सहयोग करना;खासकर चीन की दादागीरी पर लगाम लगाना है।

(रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के पूर्व राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को हनोई, वियतनाम में 8 जून को उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि दी)

एक-दूसरे के ठिकानों की हेल्प ले सकेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हनोई में अपने वियतनामी समकक्ष जनरल फान वान गियांग( Vietnamese counterpart General Phan Van Giang) के साथ बातचीत सफल रही। दोनों ने 2 डाक्यूमेंट पर साइन किए। इसमें म्यूचल लॉजिस्टिक सपोर्ट पर समझौता ज्ञापन (MOU) के तहत दोनों देशों की सेनाओं को रिपेयर और सप्लाइज के रिप्लसेमेंट के लिए एक-दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति मिल जाएगी। भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा-"दोनों देशों के डिफेंस फोर्सेज के बीच बढ़ते कॉपरेटिव इंगेजमेंट से पारस्परिक रूप से लाभकारी सप्लाई को सपोर्ट मिलने की प्रोसेस सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जिस पर वियतनाम ने किसी भी देश के साथ साइन किए हैं।" 

राजनाथ सिंह ने tweet करके कही ये बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा-"वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ एक शानदार बैठक हुई। हमने द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर बातचीत को नई दिशा दी। हमारा क्लोज डिफेंस और सिक्योरिटी कॉपरेशन हिंद-प्रशांत क्षेत्र(Indo-Pacific region) में स्टेबिलिट का एक इम्पोर्टेंट फैक्टर है।" अधिकारियों ने कहा कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने 2030 तक के लिए भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर ज्वाइंट विजन स्टेटमेंट' पर हस्ताक्षर किए।

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