
बीजिंग: चीन की जनसंख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी खुद चीनी सरकार ने दी है। बढ़ती बुजुर्ग आबादी और घटती युवा पीढ़ी, देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। 2004 के अंत तक चीन की जनसंख्या 1.408 बिलियन थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.39 मिलियन कम है। पूर्वी एशिया में, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और अन्य देशों में भी जन्म दर में तेजी से गिरावट देखी जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और उच्च शिक्षा व करियर पर ध्यान केंद्रित करने के कारण युवा विवाह और बच्चे पैदा करने में कम रुचि दिखा रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद, चीन की जनसंख्या केवल तीन दशकों में दोगुनी हो गई थी। हालांकि, बाद में 'एक संतान नीति' लागू होने के बाद जनसंख्या वृद्धि में कमी आई।
अब सरकार जन्म दर बढ़ाने के लिए नीतियों में बदलाव कर रही है। 2023 में चीन की कुल जनसंख्या में दशकों बाद पहली बार कमी आई, और उसी वर्ष भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी जनसंख्या का पांचवां हिस्सा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का है। 2035 तक, यह संख्या 30% से अधिक होने का अनुमान है।
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