जंग की तैयारी में चीन! राष्ट्रपति जिनपिंग बोले-सेना रहे तैयार, सबसे खराब स्थिति की कल्पना कर करें तैयारी

जिनपिंग ने अपनी सेना को निर्देश दिया है कि वे ट्रेनिंग को मजबूत करें और युद्ध के लिए तैयार रहें। शी जिनपिंग ने राष्ट्रीय संप्रभुता की पूरी तरह से रक्षा और देश की समग्र सामरिक स्थिरता की रक्षा करने के लिए सैनिकों के प्रशिक्षण को व्यापक रूप से मजबूत करना और युद्ध के लिए तैयार करना महत्वपूर्ण है। 

Asianet News Hindi | Published : May 27, 2020 2:19 AM IST

बीजिंग. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बढ़ रहे तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान दिया है। जिनपिंग ने अपनी सेना को निर्देश दिया है कि वे ट्रेनिंग को मजबूत करें और युद्ध के लिए तैयार रहें। चीन की सरकारी मीडिया ने शी जिनपिंग के हवाले से कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता की पूरी तरह से रक्षा और देश की समग्र सामरिक स्थिरता की रक्षा करने के लिए सैनिकों के प्रशिक्षण को व्यापक रूप से मजबूत करना और युद्ध के लिए तैयार करना महत्वपूर्ण है। 

जिनपिंग ने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने को लेकर चीन का प्रदर्शन सैन्‍य रिफॉर्म्‍स की सफलता को दर्शाता है। ऐसे में सशस्‍त्र बलों को महामारी के बावजूद प्रशिक्षण के नए तरीके खोजने की जरूरत है। 

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सबसे खराब स्थिति की कल्पना कर तैयारी करें

शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे।

प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक

चीन के साथ जारी तनाव के इस मुद्दे पर दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक हुई है। चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर क्या हालात हैं, इस पर चर्चा हुई। इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख हिस्सा लिए। इस दौरान सेना प्रमुखों ने प्रधानंत्री को स्थितियों की जानकारी दी। इसके साथ ही सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि बैठक में निर्णय लिया गया कि सीमावर्ती इलाकों में हो रहे निर्माण कार्यों को जारी रखा जाएगा। जबकि सैनिकों की तैनाती भी उतनी ही होगी जितनी चीन की होगी। 

दोनों सेनाओं के बीच हुईं हाल-फिलहाल की झड़पें

पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील- 5 मई की शाम को इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।

नाकू ला सेक्टर- 9 मई को नाकू ला में दोनों देशों के 150 सैनिक आमने-सामने आ गए। हालांकि आधिकारिक तौर पर सैनिकों के बीच हुए झड़प की तारीख सामने नहीं आई है। लेकिन 'द हिंदू' के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर घूंसे चलाए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। जिसके बाद झड़प खत्म हुआ।

9 मई को ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर उसी दौरान देखे गए, जब उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी।

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