
चीन में एक जाने-माने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने कहा है कि देश में 3.5 करोड़ अविवाहित पुरुषों को विदेशी महिलाओं से शादी करने पर विचार करना चाहिए। प्रोफेसर का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उनका कहना है कि इस समस्या का समाधान अंतरराष्ट्रीय विवाहों को बढ़ावा देकर किया जा सकता है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 की सातवीं राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना में चीन में पुरुषों की संख्या महिलाओं से 3.49 करोड़ ज़्यादा पाई गई। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की एक संतान नीति के कारण यह जनसंख्या असंतुलन पैदा हुआ है।
सेंट्रल चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर चाइना रूरल स्टडीज़ ने इस साल की शुरुआत में एक अध्ययन प्रकाशित किया था, जिसमें ग्रामीण युवाओं को शादी के लिए साथी ढूंढने में आने वाली बढ़ती मुश्किलों का ज़िक्र किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि 'दुल्हन की कीमत' (दहेज) और पारंपरिक विवाहों के प्रति घटता रुझान इसकी मुख्य वजहें हैं।
ज़ियामेन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डिंग चांगफे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस समस्या का हल अंतरराष्ट्रीय विवाहों को बढ़ावा देना है। उन्होंने सुझाव दिया कि चीनी पुरुष रूस, कंबोडिया, वियतनाम और पाकिस्तान जैसी जगहों की महिलाओं से शादी करने पर विचार कर सकते हैं।
प्रोफेसर का यह बयान वायरल होने के बाद कई पुरुषों ने उनका समर्थन किया, लेकिन ज़्यादातर महिलाओं ने इसका विरोध किया। कई महिलाओं ने कहा कि विदेशी महिलाओं को शादी के लिए 'आयात' करना मानव तस्करी जैसा है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भाषा और संस्कृति की भिन्नता के कारण ऐसे रिश्तों में दरार पड़ने की आशंका ज़्यादा होती है।
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