ताइवान से F-16 फाइटर जेट के सौदे को लेकर चीन ने अमेरिका को दी धमकी, कहा - परिणाम भुगतने होंगे

डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने ताइवान के साथ 8 बिलियन डॉलर  के हथियारों का सौदा किया है, जो दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व के लिए एक बड़ा झटका है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 19, 2019 5:26 AM IST / Updated: Aug 19 2019, 10:59 AM IST

बीजिंग। दक्षिणी चीन सागर में अमेरिका की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। गौरतलब है कि  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 9-डैश लाइन के तहत  इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश की है। चीन की इस रणनीति के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प  ताइवान के साथ एक नए युद्ध समझौते पर सहमति जताई  है। अमेरिका ने ताइवान से F-16 फाइटर जेट का सौदा किया है। इससे बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जारी  है।

अमेरिकी सीनेटर ने सौदे को बताया जरूरी
वहीं, अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो ने इस सौदे को जरूरी बताते हुए इसकी प्रशंसा की है। रुबियो ने जोर देकर कहा कि फाइटर जेट सौदा ताइवान की आत्मरक्षा के लिए  एक जरूरी कदम था।सीनेटर ने कहा, "चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी इस क्षेत्र में अपनी सत्ता का विस्तार करना चाहती है। यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका ताइवान को समर्थन देकर उसके साथ हमारे रणनीतिक संबंध को जारी रखे।"

बीजिंग ने प्रस्तावित युद्धक विमानों के सौदे पर गुस्से से प्रतिक्रिया दी
एक बयान में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने वॉशिंगटन को किसी भी व्यापारिक सौदे पर चेतावनी दी। चुनयिंग ने कहा कि इसके परिणाम अमेरिका को भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, "चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि वह इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझ ले। अमेरिका F-16 फाइटर जेट्स को ताइवान को नहीं बेचे और ताइवान के साथ हथियारों की बिक्री और सैन्य संपर्क खत्म करे। अन्यथा, चीनी कड़ी प्रतिक्रिया देगा और अमेरिका को इसके परिणाम भुगतने होंगे।"
 

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