शी ने कहा कि 2027 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शताब्दी वर्ष से पहले निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए देश की नई प्रतिभाओं की जरूरत है। शी ने कहा, "लड़ने और जीतने की क्षमताओं को मजबूत करना सेना का पहला और अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।"
नई दिल्ली। विश्व के ताकतवर देशों को आंख दिखा रहा चीन (China) अब अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने में जुटा हुआ है। भारत से सीमा विवाद करने वाला(India-China Border), ताइवान-तिब्बत पर धौंस जमाने वाला और अमेरिका (USA) को युद्ध की धमकी देने वाला चीन अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए तीन लाख नए सैनिकों की भर्ती करने जा रहा है। सुप्रीम लीडर बनने के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग (XI Jinping) ने सशस्त्र बलों को युद्ध जीतने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस करने और संख्याबल बढ़ाने पर जोर दिया है। दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) में तीन लाख नए सैनिक भर्ती किए जा रहे हैं।
शी बोले-लड़ाइयों जीतने के लिए नई प्रतिभाओं की जरुरत
चीन के अजेय राष्ट्रपति बन चुके शी जिनपिंग पीएलए (PLA) के एक तीन दिवसीय कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान कहा कि अब युद्ध जीतने के लिए नई प्रतिभाओं की जरुरत होगी। भविष्य की लड़ाईयों को जीतने के लिए चीन के सशस्त्र बलों में नई प्रतिभाओं को भर्ती किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को अब एडवांस होना पड़ेगा ताकि दुश्मन की हर चाल का जवाब दिया जा सके। उन्होंने कहा कि 209 बिलियन अमेरीकी डालर के वार्षिक सैन्य बजट के साथ चीनी सेना तेजी से आधुनिकीकरण कर रही है और संगठनात्मक सुधार कर रही है। इसके अलावा हाइपरसोनिक हथियारों सहित नई हथियार प्रणालियों को अपने खेमे में जोड़ रही है।
लड़ना और जीतना पहला व अंतिम लक्ष्य होना चाहिए
शी ने कहा कि 2027 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शताब्दी वर्ष से पहले निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए देश की नई प्रतिभाओं की जरूरत है। शी ने कहा, "लड़ने और जीतने की क्षमताओं को मजबूत करना सेना का पहला और अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।" उन्होंने सैन्य कर्मियों की आधुनिक युद्ध जीतने की उनकी क्षमता में सुधार के लिए तकनीकी जानकारी में सुधार का आह्वान किया। उन्होंने प्रथम श्रेणी के सैन्य स्कूलों के निर्माण और प्रथम श्रेणी के सैन्य कर्मियों के प्रशिक्षण में तेजी लाने का भी बात की।
दुनिया की सबसे बड़ी सेना है पीएलए
चीन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में युवाओं को भर्ती करने के लिए तमाम प्रकार की सुविधाओं और संसाधनों का लालच दिया है। तीन लाख युवाओं के लिए तरह तरह की सुविधाओं का वादा किया जा रहा है।
2012 में कम की गई थी सैनिकों की संख्या
दरअसल, शी जिनपिंग ने 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद सेना में सुधार के नाम पर कई फैसले लिए। इनमें से पीएलए के सैनिकों की संख्या को तीन लाख कम कर दिया गया था। यह संख्या 23 लाख सैनिकों से घटाकर तीन लाख कर दिया गया था। असैन्य इकाइयों से तीन लाख सैनिकों को हटाने का फैसला हुआ था।
हवाई सेना और नौ सेना को अपग्रेड किया था
लेकिन चीन ने पीएलए की एयर फोर्स को अपग्रेड कर दिया था। हवाई यूनिट्स को डिवीजन-स्तर से ब्रिगेड में अपग्रेड किया गया था। नई पीढ़ी के लड़ाकू जेट जैसे जे-20, जे-16 एस, जे-10 सी चलाने वाले पायलटों की संख्या भी बढ़ाई गई थी। यही नहीं नौसेना में भी व्यापक बदलाव किए थे। चीनी नौसेना ने कई बदलाव करते हुए अपने मरीन कॉर्प्स को लगभग 20,000 सैनिकों से बढ़ाकर 1 लाख करने की योजना बनाई। यहां ब्रिगेड की संख्या दो से बढ़कर 10 कर दी गई।
अमेरिका से आगे जाने की होड़ में चीन
दरअसल, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लक्ष्य 2027 पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत पीएलए को शताब्दी वर्ष से पहले एक आधुनिक लड़ाकू बल और 2050 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के बराबर एक विश्व स्तरीय सेना में बदलना है।
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