
वर्ल्ड डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले सामान पर 10 फीसदी शुल्क लगाया है। इससे चीन नाराज है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि चीन WTO (विश्व व्यापार संगठन) में अमेरिका के खिलाफ उसके "गलत व्यवहार" के लिए मुकदमा दायर करेगा।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने का कि अमेरिका द्वारा उठाया गया कदम WTO के नियमों का “गंभीर उल्लंघन” है। अमेरिका को बातचीत और सहयोग करनी चाहिए। अमेरिका ने मैक्सिको, कनाडा और चीन के खिलाफ अवैध प्रवासियों के आने को रोकने और जहरीली फेंटेनाइल और अन्य प्रतिबंधित दवाओं के अमेरिका में तस्करी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है। ट्रंप प्रशासन ने दबाव की रणनीति के तहत तीनों के देशों से होने वाले इम्पोर्ट पर टैरिफ लगाया है। कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी और चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया गया है।
व्हाइट हाउस के कहा है कि चीनी अधिकारी आपराधिक गिरोहों को ड्रग्स तैयार करने में लगने वाले केमिकल तस्करी करने से नहीं रोक सके। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई भी नहीं की।
इसपर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अतिरिक्त टैरिफ रचनात्मक नहीं हैं। इससे भविष्य में नशीली दवाओं पर नियंत्रण के लिए सहयोग कमजोर होगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ लगाना WTO के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह अमेरिका के खुद के मामलों के हल करने में योगदान नहीं देगा। इससे चीन और अमेरिका के बीच सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को भी कमजोर होंगे।"
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चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "व्यापार युद्ध या टैरिफ वार में किसी को जीत नहीं मिलती। अतिरिक्त शुल्क नशीली दवाओं के नियंत्रण पर भविष्य के द्विपक्षीय सहयोग को नुकसान पहुंचाएगा।"
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