मालदीव कर रहा भारत के हितों के खिलाफ काम, जासूसी के लिए पहुंचा चीनी जहाज, बढ़ गई है ड्रैगन की एक्टिविटी

भारत की सुरक्षा चिंताओं के बाद भी मालदीव चीन के जासूसी जहाज को अपने यहां ठहरने दे रहा है। चीन का जासूसी जहाज Xiang Yang Hong 03 माले पहुंचा है।

Vivek Kumar | Published : Feb 22, 2024 10:41 AM IST / Updated: Feb 22 2024, 04:13 PM IST

माले। मालदीव में चीन समर्थक सरकार आने के चलते भारत के सामरिक हितों को नुकसान हो रहा है। चीन की नौसेना मालदीव का इस्तेमाल कर भारत के समुद्री क्षेत्र की जासूसी कर रही है। चीन का एक जासूसी जहाज लौटता है तो दूसरा मालदीव पहुंच जाता है। इसी क्रम में गुरुवार को एक चीनी रिसर्च जहाज मालदीव पहुंचा।

चीन अपने जासूसी जहाजों को रिसर्च जहाज कहता है। ग्लोबल शिप ट्रैकिंग डेटा के अनुसार इसी तरह का एक जहाज तीन महीने पहले हिंद महासागर क्षेत्र में आया था। इस जहाज के लौटने के बाद चीन ने अपने दूसरे जासूसी जहाज को भेज दिया है। इससे भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गईं हैं। चीन का जो जहाज माले आया है उसका नाम Xiang Yang Hong 03 है।

भारत के सामरिक ठिकानों की जासूसी कर रहा चीन

इस जहाज ने माले पहुंचने से पहले भारत, मालदीव और श्रीलंका के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के ठीक बाहर तीन सप्ताह से अधिक समय बिताया था। इस दौरान इसने भारत के सामरिक ठिकानों की जासूसी की थी। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसके रिसर्च शीप शांतिपूर्ण मकसद के लिए हैं। इनसे वैज्ञानिक रिसर्च किए जाते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि ये भारत और अन्य देशों के सामरिक ठिकानों की जासूसी के काम आते हैं।

कई बार हिंद महासागर आया है Xiang Yang Hong 03

Xiang Yang Hong 03 कई बार हिंद महासागर में आया है। यह 2021 में इंडोनेशिया में सुंडा जलडमरूमध्य से होकर गुजरा था, जिससे इंडोनेशियाई अधिकारी चिंतित हो गए थे। इसने अपने ट्रैकिंग सिस्टम को तीन बार बंद किया था। यह जहाज श्रीलंका के करीब ठहरा था। 2022 में चीन ने सैन्य पोत युआन वांग 5 को श्रीलंका के कोलंबो भेजा था। यह रॉकेट और मिसाइल के लॉन्च पर रखता है। आखिरी बार एक चीनी रिसर्च शिप अक्टूबर 2023 में श्रीलंका में रुका था।

मोहम्मद मुइजू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से यहां चीन की पैठ बढ़ गई है। मुइजू चीन समर्थक हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने चीन की यात्रा की है। चीन ने मालदीव को 128 मिलियन डॉलर की सहायता देने की पेशकश की है। मालदीव ने कहा है कि चीनी जहाज उसके जल क्षेत्र में कोई रिसर्च नहीं करेगा, केवल कर्मियों के रोटेशन और सप्लाई के लिए रूका है। मालदीव की मदद के चलते इस क्षेत्र में चीनी नौसेना की एक्टिविटी बढ़ गई है।

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