
वॉशिंगटन। एक अध्ययन में नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच आयोवा में लिए गए नमूनों में 80 फीसदी हिरणों में वायरस पाया गया था। इन अध्ययनों के नतीजाें से शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि हिरण सक्रिय रूप से वायरस को एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने विभिन्न सार्स-कोव-2 वेरिएंट की भी पहचान की, जिससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में इंसान हिरण से संक्रमित हुए हैं।
उत्तरी अमेरिका में इंसानों के करीब रहते हैं हिरण
उत्तरी अमेरिका में बड़ी संख्या में सफेद पूंछ वाले हिरण हैं और ये लोगों के करीब रहते हैं। ये बीमारी को जानवरों से इंसान में स्प्रेड करने का काम करते हैं। यह खेतों, अनुसंधान, मनोरंजन, पर्यटन और शिकार वाली जगह हो सकते हैं। शिकारियों में बीमारी के दोबारा संक्रमण के सबसे स्पष्ट स्रोत हैं, क्योंकि ये नियमित रूप से मृत जानवरों के संपर्क में होते हैं। माना जा रहा है कि पूरे अमेरिका में मानव से हिरण और हिरण से सफेद पूंछ वाले हिरणों की आबादी में कोरोना तेजी से फैल रहा है।
अब तक वन्यजीवों में संक्रमण के नहीं थे संकेत
पिछले अध्ययनों में सामने आया था कि सार्स-कोव-2 मनुष्यों से घरेलू और चिड़ियाघर के जानवरों में फैल रहा था। इनमें बिल्लियां, कुत्ते, चिड़ियाघर के जानवर आदि शामिल हैं। लेकिन, यह पहला मौका है, जब सफेद पूंछ वाले हिरणों से कोविड संक्रमण फैलता दिख रहा है।
अमेरिका में ही इन हिरणों की 3 करोड़ आबादी
सफेद पूंछ वाले हिरण उत्तरी अमेरिका में बड़ी संख्या में पाए जाने वाले स्तनपायी हैं, जो कनाडा से दक्षिण अमेरिका तक पाए जाते हैं। अकेले अमेरिका में इनकी आबादी 3 करोड़ के आसपास है। ये शहरी पार्कों और वुडलैंड सहित 12 सदस्यों वाले परिवार समूहों में रहते हैं। माना जा रहा है कि ये बड़ी संख्या में जानवरों को आसानी से संक्रमित करने के साथ ही मनुष्यों में भी संक्रमण फैला सकता है।
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