भारत में कोरोना वायरस के 17.6 लाख मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, कोरोना को लेकर कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं। अब बताया जा रहा है कि टीबी के लिए इस्तेमाल होने वाली बीसीजी वैक्सीन कोरोना के संक्रमण की दर को कम करती है।
मुंबई. भारत में कोरोना वायरस के 17.6 लाख मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, कोरोना को लेकर कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं। अब बताया जा रहा है कि टीबी के लिए इस्तेमाल होने वाली बीसीजी वैक्सीन कोरोना के संक्रमण की दर को कम करती है। अमेरिकन रिसर्च पेपर ने दावा किया है कि बीसीजी किसी कम्युनिटी में पहले 30 दिन इन्फेक्शन का प्रसार धीमा कर देती है।
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस की रिसर्च साइंस ऐडवांसेज नाम के जर्नल में छपी है।। इसमें कहा गया है कि जिन देशों में बीसीजी का टीका अनिवार्य है, वहां कोरोना महामारी के पहले 30 दिनों में कम इंफेक्शन और डेथ रेट दर्ज किया गया है।
तो अमेरिका में होतीं सिर्फ इतनी मौतें
रिसर्च के मुताबिक, अगर अमेरिका में बीसीजी वैक्सीन को दशकों पहले अनिवार्य कर दिया जाता तो देश में 29 मार्च तक कोरोना से सिर्फ 468 लोगों की मौत होती। वहीं, अमेरिका में इस तारीख तक 2,467 लोगों की मौत हुई थी।
कई संक्रामक बीमारियों से बचाता है बीसीजी का टीका
भारत और चीन जैसे कई देशों में बीसीजी का टीकाकरण होता है। इसलिए इन देशों में डेथ रेट अन्य देशों की तुलना में कम है। डॉक्टर्स का मानना है कि बीसीजी का टीका कई संक्रमणों से बचाता है। कोरोना वायरस के प्रसार के वक्त से ही बीसीजी टीके के असर को लेकर चर्चा है। हालांकि, कुछ डॉक्टर्स इस बात पर यकीन नहीं करते कि बीसीजी कोरोना से शरीर की रक्षा करता है।