कोरोना वायरस; चीन में मरने वालों की संख्या 2200 के पास, रूस ने लगाया इस तरह का बैन

समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार आयोग ने बताया कि 11,977 मरीजों की हालत गंभीर बनी है और 5,248 लोगों के इससे पीड़ित होने की आशंका है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 19, 2020 5:49 AM IST

बीजिंग. चीन में घातक कोरोना वायरस से 136 और लोगों की मौत हो जाने से संक्रमण से मरने वालों की संख्या बुधवार को 2,000 के पार हो गई और इसके कुल 74,185 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि इससे मरने वालों की संख्या 2,004 हो गई है। वहीं इसके 1,749 नए मामले सामने आए हैं।

आयोग ने कहा कि जिन 136 लोगों की जान गई उनमें से 132 हुबेई में जबकि हेइलोंगजियांग, शानदोंग, गुआंगदोंग और गुइझोऊ में एक-एक व्यक्ति मारे गए। आयोग ने बताया कि इसके 1,185 नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं। मंगलवार को 236 मरीजों की हालत काफी गंभीर थी जबकि 1,824 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार आयोग ने बताया कि 11,977 मरीजों की हालत गंभीर बनी है और 5,248 लोगों के इससे पीड़ित होने की आशंका है। एनएचसी ने कहा कि अभी तक कुल 14,376 संक्रमित लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

चीनी नागरिकों के घुसने पर बैन

उधर, रूस ने कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर मंगलवार को कहा कि वह 20 फरवरी से सभी चीनी नागरिकों को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक देगा। उप प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मामलों की प्रभारी तातियाना गोलिकोवा ने कहा, ‘‘रूस की सीमाओं के जरिए चीनी नागरिकों के प्रवेश को 20 फरवरी से निलंबित कर दिया जाएगा।’’

जापान में जहाज से उतरने लगे लोग

कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जापान के तट पर लगे क्रूज़ से सैकड़ों यात्री अब बाहर आने लगे हैं। डायमंड प्रिंसेज नाम के जहाज पर सवार 542 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जिन लोगों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, वह अब यहां से बाहर निकलने को तैयार हैं। लोगों को पृथक रखने की जो व्यवस्था जापान सरकार ने की थी, अब उसकी आलोचना तेज हो गई है।

चीन से बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले इस जहाज पर पाए गए। कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद करीब 500 यात्रियों को जहाज से बाहर निकलने की इजाजत दी गई है। पृथक करके रखे जाने वाला 14 दिन का समय इन यात्रियों के लिए काफी मुश्किलों से भरा रहा क्योंकि लोग काफी डरे हुए थे और कुछ को तो खिड़की विहीन केबिनों में रखा गया था।

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)=

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