हांगकांग में लोकतंत्र की मांग हुई हिंसक, ये है वजह

Published : Sep 16, 2019, 06:14 PM IST
हांगकांग में लोकतंत्र की मांग हुई हिंसक, ये है वजह

सार

हांगकांग में प्रत्यपर्ण विधेयक को लेकर जून माह से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विवादित विधेयक को हालांकि सरकार ने अब वापस ले लिया है लेकिन लोकतंत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन अब भी जारी हैं।

हांगकांग. लोकतांत्रिक सुधारों की मांग को लेकर निकाले गए मार्च ने हिंसक रूप ले लिया, प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों पर देसी बम फेंके, यातायात बााधित किया और जगह-जगह आगजनी की जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़नी पड़ी।

 बिना मंजूरी के निकाला गया था मार्च
सरकार ने रविवार को वक्तव्य जारी कर कहा कि हिंसा से समुदाय को नुकसान ही पहुंचेगा और वह समस्याओं का समाधान खोजने की गंभीर कोशिश कर रही है। काले नकाब लगाए हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की पाबंदी को धता बताते हुए शुरुआत में कॉजवे बे शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट से दो किमी दूर सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला था। इसमें प्रदर्शनकारियों के परिजन और बच्चे भी शामिल थे।

अभी भी जारी है लोकतंत्र की लड़ाई 
बाद में कुछ प्रदर्शनकारियों ने चीन के झंडे जलाए और सबवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की। इन लोगों ने सरकारी इमारतों पर ईंट और गैस के गोले भी फेंके। हांगकांग में प्रत्यपर्ण विधेयक को लेकर जून माह से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विवादित विधेयक को हालांकि सरकार ने अब वापस ले लिया है लेकिन लोकतंत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन अब भी जारी हैं। अब तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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