जर्मनीः किसी को 1700 काॅल के बाद मिला वैक्सीन के लिए अप्वाइंटमेंट तो कोई 100 यूरो देकर भी नहीं पा रहा

वैक्सीन के लिए बेताब बर्लिन के रहने वाले एक 53 वर्षीय योग टीचर के पार्टनर ने डाॅक्टर्स को 150 मेल भेजे लेकिन केवल सात का जवाब मिला। लेकिन उनको अनिश्चितकालीन वेटिंग लिस्ट में ही रखा गया है।

बर्लिन। भारत में बड़ी जनसंख्या के बाद भी वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा आपाधापी नहीं है। लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले विकसित देश भी वैक्सीनेशन को लेकर तमाम दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। वैक्सीन के लिए नागरिक झगड़े तक पर उतारू हो जा रहे हैं। जर्मनी जैसे स्वास्थ्य सुविधाओं में विकसित देश के नागरिक भी वैक्सीन के एक शाॅट के लिए बोली लगाने को मजबूर हो रहे हैं। 

राॅयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में वैक्सीन की कमी की वजह से लोगों में काफी असंतोष है। यहां वैक्सीन का एक शाॅट पाने के लिए लोग डाॅक्टर्स से झगड़ा और मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं। हालांकि, वैक्सीन की कमियों को दूर करने में लगा जर्मनी सबसे पहले अपने सीनियर सिटीजन्स और कमजोर वर्ग को वैक्सीन लगाना शुरू किया। इसके बाद प्राथमिकताओं में शिक्षकों और महत्वपूर्ण कामों में लगे लोगों को वैक्सीन लगाया गया। 

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अप्रैल में डाॅक्टर्स को भी वैक्सीन लगाया गया

जब वैक्सीन का स्टाॅक बढ़ा तो डाॅक्टर्स और कुछ पेशे के लोगों को भी वैक्सीनेशन कराया गया। जबकि कुछ राज्यों में आयु सीमा का प्रतिबंध हटा दिया गया। 

सबके लिए वैक्सीन के ऐलान से मची होड़

हालांकि, अप्रैल में जब जर्मनी के कुछ राज्यों ने वैक्सीन के लिए आयुसीमा का प्रतिबंध हटा दिया तो एक-एक शाॅट के लिए होड़ मच गई। रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सीन के लिए बेताब बर्लिन के रहने वाले एक 53 वर्षीय योग टीचर के पार्टनर ने डाॅक्टर्स को 150 मेल भेजे लेकिन केवल सात का जवाब मिला। लेकिन उनको अनिश्चितकालीन वेटिंग लिस्ट में ही रखा गया है। 

1700 काॅल के बाद किसी तरह मिला अप्वाइंटमेंट 

वैक्सीन के लिए टीचर के पार्टनर को अगले दिन ट्वीटर पर एक लीड मिली। पूरे दिन टीचर की पार्टनर और उनकी बेटी ने करीब 1700 काॅल किए लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। फिर दोपहर में करीब 100 काॅल के बाद अप्वाइंटमेंट मिला। अप्वाइंटमेंट मिला किसी चमत्कार से कम नहीं था। टीचर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद उनकी पार्टनर और बेटी इतनी जोर से चीखी जिससे पूरा अपार्टमेंट गूंज उठा। 

पहले वैक्सीन लेने की मची है होड़ 

जर्मनी के डाॅक्टर्स बताते हैं कि वैक्सीन स्लाॅट की बुकिंग नहीं होने पर भी लोग उन पर दबाव बना रहे हैं कि पहले वैक्सीन लगा दी जाए। कई तो वैक्सीन के लिए बेहद आक्रामक रवैया अपना रहे हैं। 

जर्मनी में फोन लाइन्स क्रैश कर जा रही, लोग बोली लगा रहे

वैक्सीन के लिए ऐसी होड़ मची है कि लोग डाॅक्टर्स के पास हजारों फोन कर रहे हैं और फोन लाइन्स क्रैश हो जा रहे। बर्लिन के एक डाॅक्टर बताते हैं कि वैक्सीन की दूसरी डोज के बीच गैप घटाने से यह दिक्कतें और बढ़ गई हैं। लोग डाॅक्टर्स पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। 
एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने ई-बे पर वैक्सीन की एक डोज के लिए 100 यूरो जोकि करीब 122 डाॅलर के बराबर है तक देने के लिए तैयार हो गए। 

धीमी शुरूआत के बाद अब वैक्सीनेशन हुआ तेज

जर्मनी में बेहद सुस्त शुरूआत के बाद अब वैक्सीनेशन तेज हो सका है। अभी तक 38 प्रतिशत आबादी को पहली डोज और 12 प्रतिशत को दोनों डोज वैक्सीन लगाया जा चुका है। 

जून में जर्मनी में वैक्सीन के लिए मचेगी होड़

जर्मनी ने सात जून से वैक्सीन सबको लगाया जा सकेगा। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने यह चेतावनी भी दी है कि हर किसी को तुरंत वैक्सीन नहीं उपलब्ध कराया जा सकता है। वैक्सीन उपलब्धता के आधार पर ही लोगों को वैक्सीन दिया जा सकेगा। उधर, सरकार के इस ऐलान के साथ एक और चिंता जताई जा रही है कि वैक्सीन के लिए होड़ के बीच बुजुर्गाें और डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल नहीं कर पाने वाले लोगों को वैक्सीन कैसे दिया जा सकेगा। 

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