
उद्योगपति बिल गेट्स ने कुछ दिन पहले कहा था कि आने वाले समय में इंसानों की ज़रूरत ही नहीं रहेगी। खासकर डॉक्टर और शिक्षक की जगह AI ले लेगा, इसलिए उनकी भी ज़रूरत नहीं रहेगी। ये सब होने में बस दस साल लगेंगे। बदलते समय में तकनीक कैसे काम आ रही है, इस बारे में उन्होंने खुशी से ये बात कही। उन्होंने कहा कि AI के साथ, अगले दशक में अच्छी मेडिकल सलाह और अच्छी शिक्षा मुफ्त और आम हो जाएगी। इस तरह उन्होंने इलाज और शिक्षा को व्यवसाय बनाकर लाखों कमाने वालों पर निशाना साधा। आम लोग आसानी से शिक्षा और मेडिकल सुविधाएं पा सकेंगे। लोगों की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ले लेगा।
लेकिन, अब ये सच होता दिख रहा है। दुबई के एक फेफड़ों के विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद फ़ौज़ी क़तरंजी ने इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि AI ने एक्स-रे के ज़रिए उनकी 20 साल की मेहनत को एक सेकंड में कर दिखाया। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी नौकरी जाने का डर है। एक्स-रे का विश्लेषण करने के लिए AI का इस्तेमाल करने के बाद मुझे दूसरी नौकरी ढूंढनी पड़ सकती है। 18 साल से फेफड़ों के विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद फ़ौज़ी क़तरंजी, जो क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं, ने मरीज़ों के एक्स-रे का अध्ययन करने के लिए AI उपकरण का इस्तेमाल किया ताकि यह देखा जा सके कि क्या आधुनिक तकनीक उन्हीं की तरह निष्कर्ष निकाल सकती है।
हैरान करने वाले नतीजे देखकर उन्होंने अपने विचार इंस्टाग्राम पर शेयर किए। उन्होंने लिखा, "ये डरावना है। मैंने 20 साल में जो हुनर सीखा है, लंबे समय तक पढ़ाई के बाद एक्स-रे देखकर निमोनिया का पता लगा पाता हूँ। लेकिन AI ने एक सेकंड में ही इसे पहचान लिया। ये यकीन करना मुश्किल है, लेकिन मेरे जैसे लोगों की नौकरी जा सकती है। नंगी आँखों से जो नहीं दिखता, वो एक्स-रे दिखाता है। लेकिन अब AI ये काम कर रहा है।
तकनीक के आगे बढ़ने से हम खुश तो होते हैं, लेकिन यही तकनीक कई लोगों के लिए मुसीबत बन रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक से कई क्षेत्रों में लोग नौकरी खो रहे हैं। दस लोगों का काम एक मशीन कर रही है, तो कंपनियों को ज़्यादा कर्मचारियों की ज़रूरत नहीं है। लाखों रुपये वेतन देकर कर्मचारियों को रखने, उन्हें छुट्टी, भत्ते, प्रमोशन देने से अच्छा है कि एक मशीन उनसे ज़्यादा काम करे। कई कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपना रही हैं। इससे मेडिकल जगत में भी चिंता बढ़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।