
Donald Trump Health Department: अमेरिका में अभी राज्यों की सीमाएँ बदली जा रही हैं। रिपब्लिकन पार्टी को ज़्यादा सीटें दिलाने का ये तरीका है। डेमोक्रेट्स पूरी तरह से इसका विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। मध्यावधि चुनाव में सत्ताधारी पार्टी का हारना अमेरिका में आम बात है। ट्रम्प इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वो सदन का नियंत्रण खोना नहीं चाहते। साथ ही, वो प्रमुख संस्थानों पर कब्ज़ा करने की भी कोशिश कर रहे हैं। फेड गवर्नर लिसा कुक को हटाने की कोशिश भी इसी का हिस्सा है। सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) को निशाना बनाना भी इसीलिए है।
वैक्सीन विरोधी रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के ट्रम्प सरकार में स्वास्थ्य विभाग के सचिव बनने के बाद से ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सवाल और चिंताएँ उठने लगी थीं। अब ये सच साबित हो रहा है। ट्रम्प सरकार ने सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की निदेशक डॉ. सूज़न मोनारेज़ को बर्खास्त कर दिया है। उनकी जगह रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के डिप्टी जिम ओ नील को CDC में नियुक्त करने का प्रस्ताव है। व्हाइट हाउस का कहना है कि डॉ. सूज़न मोनारेज़ राष्ट्रपति के एजेंडे के साथ नहीं चल रही थीं।
वैज्ञानिक डॉ. सूज़न मोनारेज़ को कार्यभार संभाले एक महीना ही हुआ था। राष्ट्रपति ने ही उन्हें नियुक्त किया था। सीनेट की मंज़ूरी के बाद वो प्रमुख बनीं। उनके पास मेडिकल डिग्री नहीं है। उनका डॉक्टरेट महामारी विज्ञान में है। CDC का काम बीमारियों पर नियंत्रण और रोकथाम करना है। देश के लोगों की सेहत की रक्षा करना है। इसका आधार विज्ञान है। पढ़ाई और रिसर्च से जो जानकारी मिलती है, उसे इकट्ठा करके बीमारियों पर नियंत्रण और इलाज के तरीके बनाए जाते हैं। टीकाकरण भी इसका हिस्सा है। कोविड के समय टीकाकरण, बीमारी पर नियंत्रण और रोकथाम में CDC ने अहम भूमिका निभाई थी।
लेकिन, कैनेडी जूनियर इन सबके खिलाफ हैं। उन्होंने पहले ही टीकाकरण का विरोध किया था। उन्होंने इसे बंद करने की भी घोषणा की थी। राष्ट्रपति कैनेडी जूनियर की बातों से पूरी तरह सहमत हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि कोविड का इलाज टीकाकरण नहीं है, कोविड कोई बीमारी नहीं है, कोई टेस्ट कराने की ज़रूरत नहीं है। रिपब्लिकन पार्टी के कई लोग भी यही मानते हैं। कोविड के समय लगे प्रतिबंधों, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का उन्होंने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि इससे उनकी आज़ादी छीनी जा रही है। ट्रम्प को दूसरा कार्यकाल इन्हीं लोगों के वोट से मिला था। इसलिए राष्ट्रपति को इनका और अपना विश्वास बनाए रखना है। जब दोनों का विश्वास एक ही है, तो काम आसान हो जाता है। इसके अलावा, डीप स्टेट के आरोप भी हैं।
नए प्रमुख ट्रम्प के दूसरे विभाग प्रमुखों जैसे ही हैं। उन्हें इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है। वो सिलिकॉन वैली के टेक निवेशक हैं। लेकिन, वो ट्रम्प, कैनेडी जूनियर और रिपब्लिकन विचारधारा के साथ चलेंगे, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन, CDC का भविष्य, देश की स्वास्थ्य नीतियाँ और इलाज का क्या होगा, ये देखना होगा। ट्रम्प समर्थकों और रिपब्लिकन कट्टरपंथियों को छोड़कर बाकी सभी लोग इसी बात से चिंतित हैं।
ट्रम्प और उनके कट्टर समर्थक मानते हैं कि डीप स्टेट ही सब कुछ नियंत्रित करता है और कई चीज़ों में गड़बड़ी करता है। उनका कहना है कि CDC भी डीप स्टेट का हिस्सा है। अब जो भी राष्ट्रपति के एजेंडे के खिलाफ जाता है, उसे डीप स्टेट का हिस्सा बताया जाता है। इनमें से कई लोग बड़ी खाने-पीने और दवा कंपनियों के खिलाफ हैं। कैनेडी जूनियर भी उनमें से एक हैं। प्रोसेस्ड फ़ूड के खिलाफ बोलने पर कई लोगों ने, यहाँ तक कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी कैनेडी जूनियर का समर्थन किया था। उन्होंने 'मेक अमेरिका हेल्दी अगेन' का नारा भी अपनाया था। लेकिन, जब उन्होंने टीकाकरण का विरोध शुरू किया, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैरान रह गए। लेकिन, वो कुछ नहीं कर सकते। अब या तो विज्ञान का साथ दो या राष्ट्रपति का। विज्ञान का साथ देने पर नौकरी चली जाएगी। डॉ. सूज़न मोनारेज़ की नौकरी चली गई। उनके बाद तीन वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विज्ञान में राजनीति की दखलअंदाज़ी के खिलाफ इस्तीफा दिया। लेकिन, इससे कुछ नहीं होगा, ये साफ है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविटिन ने कहा कि वोट पाकर ट्रम्प जीते हैं, वैज्ञानिक नहीं। सिर्फ़ CDC में ही नहीं, बल्कि दूसरे जगहों पर भी यही टकराव है। फेडरल रिज़र्व गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त करना इसका एक उदाहरण है। चेयरमैन जेरोम पॉवेल पर भी राष्ट्रपति हमला कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प-पुतिन मुलाकात से पहले ट्रम्प टीम को जानकारी देने वाले CIA के रूस विशेषज्ञ को राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने बर्खास्त कर दिया। कैनेडी जूनियर ने mRNA वैक्सीन प्रोजेक्ट में निवेश रोक दिया। CDC के बाहर के वैक्सीन विशेषज्ञों के पैनल को भंग कर दिया गया। 2026 के चुनाव में ये सब ट्रम्प के काम आएगा। लेकिन, कुछ लोगों के स्वार्थ के लिए देश और लोगों को नज़रअंदाज़ करने के दूरगामी नतीजे होंगे। अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसी बात से डरे हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।