
Donald Trump: यूके दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत–पाक युद्धविराम का श्रेय खुद को दिया है। यह बयान उन्होंने लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा, “अगर आप हमारे साथ व्यापार करना चाहते हैं तो आपको आपस में तालमेल बनाना होगा। उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बहुत गंभीर थे, लेकिन हमने उन्हें संभाला।” ट्रम्प मई में हुए हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष का जिक्र कर रहे थे। इससे पहले भी उन्होंने कई बार दावा किया है कि दोनों परमाणु देशों के बीच युद्धविराम कराने का श्रेय उन्हें जाता है और इसके लिए उन्होंने व्यापार को दबाव के तौर पर इस्तेमाल किया।
पिछले महीने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने भी यही बात दोहराई थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने पर गर्व है। लेविट के मुताबिक, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। लेकिन ट्रम्प ने व्यापार को दबाव का साधन बनाकर इस संघर्ष को खत्म करवाया और ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम कराया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे जाने के बाद भारत पाकिस्तान के बीच तनाव तेज हो गया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में कथित आतंकवादी ढांचों पर सैन्य हमले किए थे।
यह भी पढ़ें: ट्राई सर्विस एजुकेशन कोर और संयुक्त सैन्य स्टेशन सेनाओं से भविष्य के लिए तैयार होगी सेनाएं
भारत का कहना है कि युद्धविराम की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया और लड़ाई रोकने की अपील की। इसके बाद ही दोनों देशों ने मिलकर युद्धविराम पर सहमति बनाई थी। 30 जुलाई को लोकसभा में बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए किसी भी विदेशी नेता ने भारत से बात नहीं की। उन्होंने बताया कि 9 मई की रात अमेरिका के उपराष्ट्रपति लगातार उनसे फोन पर बात करने की कोशिश कर रहे थे। लगभग एक घंटे तक कॉल करते रहे, लेकिन उस समय वह सेना के साथ बैठक में व्यस्त थे, इसलिए कॉल नहीं उठा पाए। बाद में जब पीएम मोदी ने कॉल बैक किया तो उपराष्ट्रपति ने उन्हें आगाह किया कि पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।