
Donald Trump Xi Jinping Meeting: दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई सफल बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है। अब वह चीन पर लगाए गए फेंटेनाइल टैरिफ को घटाकर 10 फीसदी कर देंगे। दोनों नेताओं की मुलाकात बुसान में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन से इतर हुई, जहां कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। ट्रंप ने कहा कि इस बैठक के दौरान अमेरिका और चीन के बीच एक बड़ा विवाद भी सुलझा लिया गया है।
यह बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि लंबे समय से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर को लेकर तनाव बना हुआ था। ट्रंप ने पहले चीन सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। अब इस मुलाकात से उम्मीद है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सकता है।
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ट्रंप ने बताया कि उनकी और शी जिनपिंग की बातचीत में यूक्रेन युद्ध का मुद्दा काफी अहम है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता इस संकट को सुलझाने के लिए मिलकर काम करने पर तैयार हुए हैं। ट्रंप ने कहा, “यूक्रेन का मुद्दा हमारी बातचीत में बहुत गंभीरता से उठाया गया है। हमने इस पर काफी देर तक चर्चा की और तय किया कि हम साथ मिलकर कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।” आगे उन्होंने यह भी कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिका की मदद करेंगे ताकि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें। बैठक को बेहद सफल बताते हुए ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह अप्रैल 2026 में चीन की यात्रा पर जाएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25% टैक्स और रूस से तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त जुर्माना लगाया था। इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच बातचीत कुछ समय के लिए रुक गई थी।सितंबर 2025 में अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच ने नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद ट्रंप के करीबी और अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अमेरिका दौरे में भी व्यापार से जुड़े मुद्दों पर अहम चर्चा हुई। इन बैठकों से यह साफ पता चलता है कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक रिश्ते फिर से मजबूत होने की दिशा में बढ़ रहे हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या अमेरिका भारत पर लगाए गए टैक्स हटा देगा या इसके लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।
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