
वॉशिंगटन/दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप ने यह विश्वास जताया। ट्रंप ने कहा, 'भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने पहले ही इसे कम कर दिया है।' यह टिप्पणी ट्रंप के उन दावों के बीच आई है, जिनमें वह कहते रहे हैं कि अगर नाटो देश रूसी तेल खरीदना बंद कर दें तो वह कूटनीति और टैरिफ का इस्तेमाल करके यूक्रेन में युद्ध खत्म कर सकते हैं।
जब रूसी कच्चे तेल पर निर्भर नाटो सदस्य हंगरी की बात आई, तो ट्रंप के सुर बदल गए। ट्रंप ने कहा, 'हंगरी एक तरह से फंसा हुआ है, क्योंकि उनके पास सालों से सिर्फ एक ही पाइपलाइन है। वे एक लैंडलॉक्ड देश हैं। उनका समुद्र से कोई कनेक्शन नहीं है। उनके लिए तेल पाना बहुत मुश्किल है। मैं यह समझता हूं।' हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन को एक बेहतरीन नेता बताते हुए ट्रंप ने यह भी दोहराया कि उन्होंने उनसे बात की है और आने वाले हफ्तों में बुडापेस्ट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मॉस्को को अलग-थलग करने की कोशिशों के तहत भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने इसे एक बड़ा कदम बताया था। ट्रंप ने कहा कि वह भारत के तेल खरीदने से खुश नहीं थे। उनके शब्द थे, 'उन्होंने (पीएम मोदी) भरोसा दिलाया है कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।'
लेकिन, भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई फोन पर बातचीत नहीं हुई है। इसके बाद, सरकारी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल रूसी तेल के आयात में कोई बदलाव नहीं होगा। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में अब तक का आयात पिछले महीने से भी ज्यादा है।
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