
Donald Trump Submarine Order: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने रूस के करीब अपने दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया है। इसके जवाब में रूसी संसद ड्यूमा के एक सदस्य ने कहा है कि रूस के पास अमेरिकी पनडुब्बियों से निपटने के लिए पर्याप्त न्यूक्लियर सबमरीन हैं।
एशियन न्यूज एजेंसी TASS से सीनियर रूसी सांसद विक्टर वोडोलत्स्की ने कहा, "विश्व के महासागरों में रूसी परमाणु पनडुब्बियों की संख्या अमेरिकी पनडुब्बियों की तुलना में काफी अधिक है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जिस क्षेत्र में सबमरीन तैनात करने का आदेश दिया है। वह क्षेत्र लंबे समय से रूस के नियंत्रण में है।"
शुक्रवार को ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट पर लिखा कि उन्होंने पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव (रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष) के भड़काऊ बयानों के चलते अमेरिकी पनडुब्बियों को फिर से तैनात करने का आदेश दिया है। इसपर रूसी सांसद वोडोलत्स्की ने कहा, "दोनों अमेरिकी पनडुब्बियों को रवाना होने दीजिए, वे लंबे समय से निशाने पर हैं। रूस और अमेरिका के बीच एक बुनियादी समझौता होना चाहिए ताकि पूरी दुनिया शांत हो जाए और तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत के बारे में बात करना बंद कर दे।"
परमाणु पनडुब्बी उन सबमरीन को कहते हैं, जिन्हें न्यूक्लियर रिएक्टर से ताकत मिलती है। ये आकार में बड़े होते हैं। पनडुब्बी ऊर्जा से चलने के चलते इन्हें लंबे समय के लिए पानी के अंदर रखा जा सकता है। न्यूक्लियर रिएक्टर परमाणु हथियार से लैस हो सकती है और नहीं थी। बड़े आकार और अधिक क्षमता के चलते ये सबमरीन अधिक मिसाइल ले जाती हैं। भारत के पास न्यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिहंत है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच सीधा सैन्य टकराव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "यूरोपीय लोग यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के लिए जोर-शोर से दबाव बना रहे हैं। रूस के साथ लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। कहा है कि अमेरिका और रूस के बीच सीधे सैन्य टकराव से बचना होगा। हम इस रुख से सहमत हैं।"
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