
$100K H-1B Visa: अमेरिका ने H-1B वीजा के लिए एप्लिकेशन फीस में भारी बढ़ोतरी की है। अब इस वीजा के लिए $100,000 यानी करीब 88 लाख रुपए का शुल्क लगेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस आदेश पर साइन किए। नए चार्ज 21 सितंबर से लागू होंगे। पहले H-1B वीजा के लिए औसतन 5 लाख रुपए खर्च आते थे और यह वीजा 3 साल के लिए वैध होता था। इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था। नए नियमों के तहत, H-1B वीजा के लिए 6 साल में कुल खर्च करीब 5.28 करोड़ रुपए हो जाएगा, यानी पुराने मुकाबले खर्च लगभग 50 गुना बढ़ जाएगा।
हालांकि, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने स्पष्ट किया कि यह $100,000 का शुल्क केवल नए वीजा आवेदन पर लागू होगा और यह सालाना शुल्क नहीं है। इस बदलाव का आधार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रवार को साइन किया गया राष्ट्रपति आदेश “Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers” है। इस आदेश के तहत H-1B वीजा कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया और शुल्क $2,000-5,000 से बढ़ाकर $100,000 कर दिया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव से अमेरिका में आईटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर असर पड़ेगा और विदेश से आने वाले कुशल कर्मचारियों की संख्या कम हो सकती है।
यह भी पढ़ें: H-1B Visa: ट्रंप ने लगाया 1 लाख डॉलर फीस, बिग टेक ने एच-1बी वीजा धारकों से कहा- रविवार से पहले लौटें
अमेरिकी व्हाइट हाउस ने H-1B वीजा शुल्क को लेकर कई चीजें स्पष्ट की हैं। प्रेस सचिव ने कहा कि हाल ही में बढ़ाए गए $100,000 वीजा शुल्क को सालाना शुल्क नहीं समझा जाना चाहिए। यह शुल्क केवल नए वीजा आवेदन पर लागू होगा और मौजूदा वीजा धारकों को इससे कोई असर नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग पहले से H-1B वीजा धारक हैं और फिलहाल अमेरिका के बाहर हैं, उन्हें $100,000 का शुल्क नहीं देना होगा। मौजूदा वीजा धारक अपनी सामान्य स्थिति के अनुसार अमेरिका छोड़ और लौट सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से जल्दी भारत से लौटने के लिए कहा ताकि नया शुल्क न लगे। इस पर एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने ANI को बताया कि अमेरिका आने-जाने वाले कर्मचारियों को जल्द लौटने की जरूरत नहीं है और उन्हें $100,000 शुल्क भी नहीं देना होगा।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।